संपत्ति के लिए बेटे ने ले ली बाप की जान

बेंगलुरू, 21 मई (आईएएनएस)। एक चौंकाने वाले खुलासे में बेटे ने अपने बाप को इसलिए मार डाला, क्योंकि वह स्वस्थ थे और अभी लंबे समय तक जीवित रहने की संभावना थी। बेटे को लगता था कि अगर वह लंबे समय तक जिंदा रहेंगे, तो उसे संपत्ति जल्दी नहीं मिल पाएगी। इसलिए संपत्ति के लालच में उसने पिता की हत्या कर दी।
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बेंगलुरू, 21 मई (आईएएनएस)। एक चौंकाने वाले खुलासे में बेटे ने अपने बाप को इसलिए मार डाला, क्योंकि वह स्वस्थ थे और अभी लंबे समय तक जीवित रहने की संभावना थी। बेटे को लगता था कि अगर वह लंबे समय तक जिंदा रहेंगे, तो उसे संपत्ति जल्दी नहीं मिल पाएगी। इसलिए संपत्ति के लालच में उसने पिता की हत्या कर दी।

13 फरवरी को बेंगलुरु के मराठाहल्ली में नारायण स्वामी नामक शख्स की हत्या कर दी गई थी। पुलिस जांच में उसके बेटे मणिकांत की संलिप्तता का पता चला और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

मणिकांत अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था। जब पुलिस ने उससे पूछा कि उसको पिता को मरवाने की क्या जरूरत है, जब उनके बाद सारी संपत्ति उसे अपने आप मिल जाती। इस पर आरोपी ने कहा कि उसके पिता नारायण स्वामी स्वस्थ थे और अभी वह कम से कम 20 साल जिंदा रहते। ऐसे में वह अपनी वृद्धावस्था में संपत्ति लेकर क्या करता।

मणिकांत अपनी पहली पत्नी की हत्या के मामले में जेल में बंद था। जेल में वह कुख्यात नादुवत्ती शिवू गिरोह के संपर्क में आ गया। जब उसने अपने पिता को मरवाने की अपनी साजिश के बारे में चर्चा की, तो शिवू गिरोह के सदस्यों ने उसे सहयोग करने की बात कही।

मणिकांत ने अपने पिता को मारने के लिए चिट्टी बाबू को सुपारी दे दी। योजना के अनुसार, नादुवत्ती शिवू गिरोह के सदस्यों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। लेकिन, पुलिस ने अपराध स्थल से मिले सुराग के आधार पर चिट्टी बाबू और उसके सहयोगी को हिरासत में लिया।

बाबू के सहयोगी ने मणिकांत की साजिश और संलिप्तता का पदार्फाश करते हुए अपराध कबूल कर लिया।

मणिकांत ने पुलिस को यह भी बताया कि उसके पिता उसे खर्च के लिए पैसे नहीं देते थे और उसे हेय दृष्टि से देखते थे।

--आईएएनएस

सीबीटी