वंदे भारत ट्रेन लक्ष्य से काफी दूर, तीन साल में सिर्फ दो पटरी पर

नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। भारत को गतिशील और गतिमान बनाने के लिए वंदे भारत ट्रेन को पटरी पर उतारने की बात की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 फरवरी 2019 में पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था। देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन बन गई। राजधानी के बाद इसने अपनी स्पीड से ये साबित किया कि ये न सिर्फ लोगों को कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंचाएगी, बल्कि ये ट्रेन में सफर करने वालों को एक नया अनुभवप्रदान करेगी।
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वंदे भारत ट्रेन लक्ष्य से काफी दूर, तीन साल में सिर्फ दो पटरी पर नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। भारत को गतिशील और गतिमान बनाने के लिए वंदे भारत ट्रेन को पटरी पर उतारने की बात की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 फरवरी 2019 में पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था। देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन बन गई। राजधानी के बाद इसने अपनी स्पीड से ये साबित किया कि ये न सिर्फ लोगों को कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंचाएगी, बल्कि ये ट्रेन में सफर करने वालों को एक नया अनुभवप्रदान करेगी।

ट्रेन में बैठे लोगों को हवाई जहाज की यात्रा जैसा सुख मिलेगा। वंदे भारत राजधानी दिल्ली से वाराणसी तक शुरू हुई थी। ये ट्रेन मेक इन इंडिया की बड़ी मिसाल के रूप में सामने आई है। ये दावा और वादा भी किया गया था कि वंदे भारत के निर्माण के चलते कई लाख युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।

पिछले 3 सालों में अभी तक सिर्फ 2 वंदे भारत ट्रेन पटरी पर उतर सकी है। सरकारी दावे और वादे किए गए हैं कि आने वाले तीन सालों में 400 और नई ट्रेनें जल्द पटरी पर उतारी जाएंगी और यह देश के हर हिस्से को कवर करेंगी और लोगों के सफर को आसान बनाएंगी। लेकिन हकीकत कुछ और ही है।

दरअसल साल 2019 में वंदे भारत ट्रेन की शुरूआत की गई थी। यह भारत की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन है। जिसमें लोकोमोटिव इंजन नहीं लगा हुआ है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 2022 के बजट भाषण के बाद रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने जानकारी दी थी कि अगस्त-सितंबर से वंदे भारत ट्रेन पर तेज गति से काम होगा और हर महीने 7 से 8 ट्रेन बनकर निकलेंगी। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब हर महीने महज 8 वंदे भारत ट्रेन ही बन सकेंगी तो अगले 3 सालों में 400 नई वंदे भारत ट्रेन कैसे पटरी पर उतारी जा सकेंगी।

आईएएनएस ने इन सवालों को लेकर रेलवे अधिकारियों से बात करने की कोशिश की उन्हें अपने सवाल भेजें लेकिन रेलवे ने फिलहाल इस पूरे मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। क्योंकि यह साफ तौर पर दर्शाता है कि वंदे भारत ट्रेन में हो रही देरी के पीछे कोई अंदरूनी वजह जरूर है जिस पर बोलने से सभी अधिकारी बचते हुए नजर आ रहे हैं।

--आईएएनएस

पीकेटी