लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के छात्र के सुसाइड नोट में केरल के प्रोफेसर का नाम (लीड-1)

चंडीगढ़, 21 सितम्बर (आईएएनएस)। पंजाब के मोहाली जिले में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में कथित एमएमएस कांड को लेकर छात्रों का व्यापक आंदोलन देखने के कुछ दिनों बाद, राज्य के एक और निजी विश्वविद्यालय- लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) में एक छात्र द्वारा अपने छात्रावास के कमरे में कथित तौर पर आत्महत्या करने के बाद भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।
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लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के छात्र के सुसाइड नोट में केरल के प्रोफेसर का नाम (लीड-1) चंडीगढ़, 21 सितम्बर (आईएएनएस)। पंजाब के मोहाली जिले में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में कथित एमएमएस कांड को लेकर छात्रों का व्यापक आंदोलन देखने के कुछ दिनों बाद, राज्य के एक और निजी विश्वविद्यालय- लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) में एक छात्र द्वारा अपने छात्रावास के कमरे में कथित तौर पर आत्महत्या करने के बाद भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।

सुसाइड नोट के अनुसार, छात्र ने कहा कि वह एनआईटी कालीकट में अपने पिछले संस्थान में व्यक्तिगत समस्याओं का सामना करने के कारण ये कदम उठा रहा है, एनआईटी कालीकट में उसने दो साल तक अध्ययन किया था। मृतक 21 वर्षीय प्रथम वर्ष का छात्र केरल का रहने वाला था।

मृतक ने अपने सुसाइड नोट में एनआईटी कालीकट के एक प्रोफेसर को गुनहगार ठहराते हुए कहा, मैं प्रोफेसर प्रसाद कृष्ण को एनआईटी छोड़ने के लिए दोषी ठहराता हूं। मुझे अपने फैसले पर बहुत पछतावा है। मैं सभी लोगों पर एक भार बन चुका हूं। इसलिए मैनें यह निर्णय लिया और मुझे अपने निर्णय पर पछतावा है।

मृतक एनआईटी कालीकट का छात्र था, और जाहिर तौर पर उसने संस्थान छोड़ दिया था और एलपीयू में पढ़ाई कर रहा था। इस बीच रात भर के विरोध के बाद, एलपीयू में धीरे-धीरे चीजें सामान्य हो रही हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों ने आरोप लगाया कि पिछले 10 दिनों में जालंधर शहर के बाहरी इलाके में यह दूसरी आत्महत्या की घटना है। भारी पुलिस तैनाती के बीच, प्रदर्शनकारी छात्रों ने दोनों आत्महत्या के मामलों के पीछे का कारण जानने की मांग की।

प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने दावा किया कि, पहली आत्महत्या के बारे में भी पूरी जानकारी नहीं दी गई। क्योंकि, विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बंद दरवाजों के भीतर मुद्दे को सुलझा लिया था। पुलिस उपायुक्त जसप्रीत सिंह ने मीडिया को बताया, हमें मंगलवार शाम करीब 5.30 बजे विश्वविद्यालय के छात्र की आत्महत्या के बारे में सूचना मिली, जिसके बाद पुलिस की एक टीम को जांच के लिए विश्वविद्यालय भेजा गया और सील कर दिया।

आत्महत्या की खबर फैलते ही मंगलवार की देर रात बड़ी संख्या में छात्र हमें न्याय चाहिए के नारे लगाने लगे। उन्होंने मामले की गहन जांच की मांग की। प्रदर्शन कर रहे छात्रों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। एलपीयू ने एक बयान में कहा, हमें दुर्भाग्यपूर्ण घटना की खबर शेयक करते हुए दुख हो रहा है, जहां हमारे एक छात्र ने अपनी जिंदगी समाप्त कर ली है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और छात्र से बरामद सुसाइड नोट से साफ है कि, छात्र व्यक्तिगत समस्याओं का सामना कर रहा था। ये समस्या जहां छात्र ने दो साल तक अध्ययन किया एनआईटी कालीकट (केरल) से शुरु हुई।

एलपीयू ने आगे कहा, कल जानकारी के अभाव में अन्य साथी छात्रों के बीच गलतफहमी हो गई, जिसके कारण देर शाम विश्वविद्यालय परिसर में अशांति फैल गई। पुलिस और विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने छात्रों को पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी है। अब विश्वविद्यालय में शांति है। सभी छात्र अब शांतिपूर्वक पढ़ाई के साथ परीक्षा भी दे रहे हैं। मामले की जांच कर रहे डीएसपी ने कहा कि, प्रथम ²ष्टया मृतक छात्र के कुछ निजी मुद्दे थे, जैसा कि सुसाइड नोट में बताया गया है। छात्र के माता-पिता को सूचित कर दिया गया है, जो विश्वविद्यालय पहुंच रहे हैं। आगे की जांच जारी है।

एलपीयू के चांसलर अशोक मित्तल पंजाब से आप के राज्यसभा सदस्य हैं। 2005 में स्थापित, एलपीयू भारत के सबसे बड़े निजी विश्वविद्यालयों में से एक है, जिसमें 30,000 से अधिक छात्र हैं, जिनमें विदेशी छात्र भी शामिल हैं। यह घटना चंडीगढ़ विश्वविद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शनों के चार दिन बाद हुई जब कुछ छात्रों ने दावा किया कि एक छात्रावास ने वॉशरूम में छात्राओं के कई आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड किए थे।

जैसे ही इस मामले पर राजनीतिक प्रतिक्रिया हुई, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि किसी भी छात्र का कोई वीडियो आपत्तिजनक नहीं पाया गया, सिवाय एक लड़की द्वारा शूट किए गए एक निजी वीडियो को छोड़कर जिसे उसने अपने प्रेमी के साथ साझा किया था। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने सोमवार को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के हॉस्टलर्स द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए अतिरिक्त डीजीपी गुरप्रीत देव की देखरेख में तीन सदस्यीय सर्व-महिला विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया।

--आईएएनएस

केसी/एएनएम