लग्जरी गाड़ियां चुराने वाला गैंग गिरफ्तार, 8 लग्जरी गाड़ियां बरामद, महिला समेत 4 गिरफ्तार, 38 मामले हैं दर्ज

गाजियाबाद, 25 मई (आईएएनएस)। गाजियाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को ऑन डिमांड लग्जरी गाड़ियां चुराने वाला गैंग पकड़ा है। गैंग सदस्य महिला सहित चार आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। इनसे चार फॉर्च्यूनर, स्कॉर्पियो सहित कुल आठ गाड़ियां रिकवर हुई हैं। आरोपी गाड़ी चुराने के बाद उसके नए डॉक्यूमेंट्स तैयार करके अलग-अलग राज्यों में बेच देते थे। इस गैंग के पास कार का लॉक खोलने से लेकर गाड़ी की फर्जी आरसी बनाने तक के लिए कई प्रकार की डिजिटल डिवाइस मौजूद हैं।
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गाजियाबाद, 25 मई (आईएएनएस)। गाजियाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को ऑन डिमांड लग्जरी गाड़ियां चुराने वाला गैंग पकड़ा है। गैंग सदस्य महिला सहित चार आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। इनसे चार फॉर्च्यूनर, स्कॉर्पियो सहित कुल आठ गाड़ियां रिकवर हुई हैं। आरोपी गाड़ी चुराने के बाद उसके नए डॉक्यूमेंट्स तैयार करके अलग-अलग राज्यों में बेच देते थे। इस गैंग के पास कार का लॉक खोलने से लेकर गाड़ी की फर्जी आरसी बनाने तक के लिए कई प्रकार की डिजिटल डिवाइस मौजूद हैं।

एडिशनल डीसीपी (क्राइम) सच्चिदानंद ने बताया, तौसीफ कुरैशी निवासी सिकंदराबाद बुलंदशहर, राहुल त्यागी निवासी हापुड़ देहात, इरफान मलिक निवासी हापुड़ देहात और मधु अग्रवाल निवासी राजनगर एक्सटेंशन गाजियाबाद हैं। इन चारों अभियुक्तों पर वाहन चोरी के 38 मुकदमे दर्ज हैं। आरोपियों से दिल्ली से चोरी चार फॉर्च्यूनर, फरीदाबाद से चोरी क्रेटा, राजस्थान से चोरी स्कॉर्पियो और दिल्ली से चोरी निशान कार मिली है। इसके अलावा कई फर्जी नंबर प्लेट, आरसी, आरसी कार्ड, मुहर और 29 चाबियां भी बरामद हुई हैं। इन आरोपियों की गिरफ्तारी क्राइम ब्रांच ने वेव सिटी थाना क्षेत्र से की है।

पूछताछ में राहुल त्यागी ने बताया, इरफान और मधु पुरानी गाड़ियों की खरीद-फरोख्त के धंधे से भी जुड़े हैं। इसलिए उनके पास ग्राहकों की डिमांड आती रहती हैं। उसी डिमांड के हिसाब से वे गाड़ियां चुराने का प्लान करते हैं। लग्जरी गाड़ियों का सेंट्रल लॉक खोलने के लिए इस गैंग पर कई तरह की डिवाइस हैं। उससे गाड़ी चुरा लेते हैं। कुछ दूर ले जाकर उसका जीपीएस सिस्टम निकालकर फेंक देते हैं और फिर अपने ठिकाने पर लाकर खड़ी कर देते हैं। इसके बाद ये गैंग ऐसी गाड़ी ढूंढता है, जो डैमेज हो चुकी होती है। उस गाड़ी का नंबर चोरी हुई गाड़ी पर चिपका दिया जाता है। इस्माइल और आदिल इंजन व चेसिस नंबर घिसकर नया बनाने में एक्सपर्ट हैं।

आदिल पंजाब व दिल्ली में कुछ ठिकानों से चिप वाला आरसी कार्ड लेकर आता है। फिर अपनी मशीन से खुद उसको प्रिंट कर देता है। इस प्रकार चोरी की गाड़ी का नाम-नंबर सबकुछ बदल जाता है और फिर ये गैंग उसे पुरानी गाड़ी बताकर बेच देता है। आरोपियों ने अब तक 50 से ज्यादा गाड़ियां पंजाब, हरियाणा, गुरुग्राम, दिल्ली में बेचने की बात कुबूली है। कुछ गाड़ियां ओएलएक्स के माध्यम से भी बेची गई हैं। गैंग ये काम पिछले करीब चार-पांच साल से कर रहा है।

--आईएएनएस

पीकेटी/एएनएम