रालोद ने की भाजपा के पूर्व विधायक सैनी का नाम मतदाता सूची से हटाने की मांग

मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश), 25 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) ने चुनाव आयोग से मांग की है कि अयोग्य करार दिए गए भाजपा के पूर्व विधायक विक्रम सैनी का नाम मतदाता सूची से हटाया जाए, क्योंकि 2013 मुजफ्फरनगर दंगा मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दोषसिद्धि को निलंबित करने की उनकी याचिका को खारिज कर दी है। इस आशय का पत्र मुजफ्फरनगर रालोद अध्यक्ष संदीप मलिक ने चुनाव आयोग को भेजा है।
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रालोद ने की भाजपा के पूर्व विधायक सैनी का नाम मतदाता सूची से हटाने की मांग मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश), 25 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) ने चुनाव आयोग से मांग की है कि अयोग्य करार दिए गए भाजपा के पूर्व विधायक विक्रम सैनी का नाम मतदाता सूची से हटाया जाए, क्योंकि 2013 मुजफ्फरनगर दंगा मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दोषसिद्धि को निलंबित करने की उनकी याचिका को खारिज कर दी है। इस आशय का पत्र मुजफ्फरनगर रालोद अध्यक्ष संदीप मलिक ने चुनाव आयोग को भेजा है।

मलिक ने मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी, जो जिले के रिटनिर्ंग ऑफिसर भी हैं, को पत्र लिखकर सैनी का नाम मतदाता सूची से हटाने और उन्हें खतौली उपचुनाव में प्रचार करने से रोकने की मांग की है।

गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर दंगा मामले में अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद भाजपा ने सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को खतौली विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा है।

सैनी ने अपनी सजा को निलंबित करने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी, लेकिन उनकी अपील खारिज कर दी गई थी।

उच्च न्यायालय के फैसले का उल्लेख करते हुए, मलिक ने यह भी मांग की कि सैनी को उनकी पत्नी के पक्ष में प्रचार करने से रोका जाए, क्योंकि उन पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया गया था और वह अपनी पत्नी की जीत सुनिश्चित करने के लिए फिर से ऐसा कर रहे हैं।

मुजफ्फरनगर रालोद अध्यक्ष ने कहा कि अयोग्य ठहराए गए भाजपा विधायक खतौली विधानसभा क्षेत्र में शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, इसलिए उन्हें चुनाव प्रचार करने से रोका जाना चाहिए.

खतौली विधानसभा क्षेत्र से रालोद-समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन ने मदन भैया को मैदान में उतारा है।

मदन भैया के मैदान में उतरने के बाद रालोद छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले अभिषेक गुर्जर ने कहा कि रालोद डर गया है। मतदाता सूची से नाम हटाना एक कानूनी प्रक्रिया है और अगर इस मुद्दे की कोई कानूनी वैधता है, तो कानून अपना काम करेगा।

गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में चुनाव आयोग ने सपा नेता मो. इसी आधार पर आजम खां का नाम मतदाता सूची से हटा दिया था।

--आईएएनएस

सीबीटी