यूपी के उपमुख्यमंत्री का निर्देश, अस्पतालों में दवाओं की कमी न होने दें, अफसर चेक करें स्टॉक

लखनऊ, 24 नवंबर (आईएनएस)। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि वायरल, डेंगू, चिकनगुनिया समेत दूसरे बुखार से निपटने के लिए डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की टीम 24 घंटे चिकित्सालय में मुस्तैद रहे। ओपीडी व भर्ती रोगियों को चिकित्सालय से ही दवाएं उपलब्ध कराई जाएं। अधिकारी समय-समय पर मुख्य दवा स्टोर में स्टॉक चेक करें।
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यूपी के उपमुख्यमंत्री का निर्देश, अस्पतालों में दवाओं की कमी न होने दें, अफसर चेक करें स्टॉक लखनऊ, 24 नवंबर (आईएनएस)। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि वायरल, डेंगू, चिकनगुनिया समेत दूसरे बुखार से निपटने के लिए डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की टीम 24 घंटे चिकित्सालय में मुस्तैद रहे। ओपीडी व भर्ती रोगियों को चिकित्सालय से ही दवाएं उपलब्ध कराई जाएं। अधिकारी समय-समय पर मुख्य दवा स्टोर में स्टॉक चेक करें।

उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने गुरुवार को प्रदेशभर के सीएमओ व सीएमएस को रोगियों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया गया। उन्होंने बताया कि रोगियों को अस्पताल की ही दवाएं मुहैया कराई जाएं। इसके लिए चिकित्सालय में पर्याप्त एंटीबायोटिक व बुखार के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के इंतजाम करें। डॉक्टर मरीजों को चिकित्सालय में उपलब्ध दवाएं लिखें।

उन्होंने कहा कि दिल, शुगर व ब्लड प्रेशर की दवाओं का स्टाक जुटा लें। इमरजेंसी में दवाओं की कमी न होने दें। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा, मरीजों को कम से कम 15 दिन या इससे अधिक दिनों की दवाएं उपलब्ध कराएं, ताकि मरीजों को जल्दी-जल्दी चिकित्सालय के चक्कर न लगाने पड़े। सर्दियों में मरीजों को चिकित्सालय आने में असुविधा होती है। ठंड में रोगी सेहत का खास ख्याल रखें।

पाठक ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कोई कमी नहीं है। यूपी मेडिकल सप्लाइज कार्पोरेशन सभी अस्पतालों को जरूरत के हिसाब से दवाएं मुहैया करा रहा है। वहीं कार्पोरेशन को अस्पताल की जरूरत के हिसाब से चार से छह माह का स्टॉक की दवाएं उपलब्ध कराने के लिए कहा है।

उन्होंने कहा कि दवाओं की एक्सपायर डेट एक से दो साल की होनी चाहिए, ताकि नजदीक की एक्पायरी डेट होने पर दवाओं के खराब होने का खतरा रहता है। यही नहीं, जिन चिकित्सालय में दवाओं की एक्सपायर डेट नजदीक हो, वे दूसरे चिकित्सालय को दवाएं भेज सकते हैं, ताकि दवाओं को खराब होने से बचाया जा सके।

--आईएएनएस

विकेटी/एसजीके