म्यांमार के शरणार्थियों की तरह मिजोरम के बांग्लादेशी प्रवासियों को भी राहत

आइजोल, 23 नवंबर (आईएएनएस)। म्यांमार के शरणार्थियों की तरह, मिजोरम सरकार चिन-कुकी समुदाय के 270 आदिवासियों को समान भोजन, राहत और आश्रय प्रदान करेगी, जो उग्रवादी संगठन के खिलाफ सुरक्षा बलों की कथित कार्रवाई के बाद बांग्लादेश से पूर्वोत्तर राज्य भाग आए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।
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म्यांमार के शरणार्थियों की तरह मिजोरम के बांग्लादेशी प्रवासियों को भी राहत आइजोल, 23 नवंबर (आईएएनएस)। म्यांमार के शरणार्थियों की तरह, मिजोरम सरकार चिन-कुकी समुदाय के 270 आदिवासियों को समान भोजन, राहत और आश्रय प्रदान करेगी, जो उग्रवादी संगठन के खिलाफ सुरक्षा बलों की कथित कार्रवाई के बाद बांग्लादेश से पूर्वोत्तर राज्य भाग आए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।

महिलाओं और बच्चों समेत लगभग 272 चिन-कुकी आदिवासियों ने दक्षिणी मिजोरम के लौंगतलाई जिले में रविवार शाम दक्षिण-पूर्व बांग्लादेश में चटगांव हिल ट्रैक्ट्स (सीएचटी) से विद्रोही समूह कुकी-चिन नेशनल आर्मी (केएनए) के खिलाफ बांग्लादेश सेना की रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) द्वारा कथित उग्रवाद विरोधी अभियान के बाद शरण ली।

केएनए, जिसे कुकी-चिन नेशनल फ्रंट (केएनएफ) के नाम से भी जाना जाता है, एक उग्रवादी संगठन है, जो आदिवासियों के लिए संप्रभुता की मांग करता है। मिजोरम के गृह विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने अपनी सहानुभूति व्यक्त करते हुए बांग्लादेशी नागरिकों को भोजन और बुनियादी सुविधाओं सहित सभी प्रकार की राहत सहायता देने को कहा है। बांग्लादेशी नागरिकों को लॉन्गतलाई जिले के परवा-3 गांव के एक सामुदायिक हॉल, एक स्कूल और एक उप-केंद्र में रखा गया।

इस बीच, चिन-कुकी आदिवासियों के एक नेता ने कहा कि केएनए के खिलाफ चल रही कार्रवाई के कारण बांग्लादेश से और शरणार्थियों के मिजोरम आने की संभावना है। मिजोरम में चिन-कुकी आदिवासी और मिजो लोग जो समुदाय से संबंधित हैं और एक ही संस्कृति और वंश साझा करते हैं। सीमा पार से रिपोटरें में कहा गया है कि विद्रोही समूह केएनए द्वारा स्वायत्तता की मांग करते हुए अपनी कई गतिविधियों को शुरू करने के बाद विभिन्न समुदायों और मुसलमानों के आदिवासियों द्वारा बसाए गए पहाड़ी क्षेत्र सीएचटी में परेशानी बहुत पहले शुरू हुई थी।

भारत से सटे पहाड़ी सीएचटी में अल्पसंख्यक कुकी-चिन समुदाय की आबादी लगभग 3.5 लाख है। बांग्लादेशी नागरिक ऐसे समय में आए हैं जब मिजोरम सरकार 30,500 से अधिक म्यांमारियों को भोजन और आश्रय प्रदान करने के लिए संघर्ष कर रही है, जिन्होंने पिछले साल फरवरी में तख्तापलट के माध्यम से म्यांमार में सेना द्वारा सत्ता पर कब्जा होने के बाद पूर्वोत्तर राज्य में शरण ली थी। 11,798 बच्चों और 10,047 महिलाओं सहित अधिकांश म्यांमार शरणार्थियों को मिजोरम के सभी 11 जिलों में 156 से अधिक शिविरों में आश्रय दिया गया है।

मिजोरम बांग्लादेश के साथ 318 किलोमीटर और म्यांमार के साथ 510 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, जो क्रमश: सीमा सुरक्षा बल और असम राइफल्स द्वारा संरक्षित है।

--आईएएनएस

केसी/एएनएम