मोरबी पुल हादसा: बेशक मुआवजा देने को तैयार ओरेवा ग्रुप, लेकिन आपराधिक मुकदमे का करना पड़ेगा सामना

अहमदाबाद, 25 जनवरी (आईएएनएस)। गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि बेशक ओरेवा ग्रुप मोरबी पुल हादसे के पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए तैयार हो, लेकिन ग्रुप के डायरेक्टर के खिलाफ आपराधिक मुकदमा जारी रहेगा।
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अहमदाबाद, 25 जनवरी (आईएएनएस)। गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि बेशक ओरेवा ग्रुप मोरबी पुल हादसे के पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए तैयार हो, लेकिन ग्रुप के डायरेक्टर के खिलाफ आपराधिक मुकदमा जारी रहेगा।

प्रधान न्यायाधीश अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति ए.ज. शास्त्री की पीठ ने ओरेवा ग्रुप के निदेशक जयसुख पटेल द्वारा अदालत को सौंपे गए एक हलफनामे में पीड़ितों के परिजनों को उचित मुआवजा देने की पेशकश के बाद यह टिप्पणी की।

हलफनामे में, पटेल ने प्रस्तुत किया कि वह स्वेच्छा से और बिना शर्त उन सात बच्चों की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं जिन्होंने त्रासदी में अपने माता-पिता को खो दिया है।

उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने मरम्मत का काम किसी व्यवसायिक काम के लिए नहीं, बल्कि हैरिटेज को बचाने के लिए लिया था और कुछ प्रभावशाली लोगों ने इस काम को कराने में उनकी मदद की थी।

निदेशक ने प्रस्तुत किया कि उन्हें राजकोट में जामसब टॉवर क्लॉक के रखरखाव और मरम्मत का काम भी दिया जाता है।

राज्य सरकार ने अपने जवाब में कहा, राज्य भर में 1441 ओवर ब्रिज हैं, जिनमें से 63 बड़े ब्रिज की मरम्मत की जरूरत है, कुल ओवर ब्रिज में से 168 बड़े ब्रिज और 180 छोटे ब्रिज नगर निगम क्षेत्रों में हैं, अन्य ओवर ब्रिज नगर पालिका क्षेत्र में हैं, 100 पुलों में से 32 प्रमुख पुल हैं, जिनमें से 27 की मरम्मत की जा रही है।

30 अक्टूबर, 2022 को मोरबी में मच्छू नदी पर बना झूला पुल गिर गया, जिसमें 135 लोगों की मौत हो गई थी।

उक्त पुल की मरम्मत व रखरखाव का ठेका मोरबी नगर पालिका द्वारा ओरेवा ग्रुप को दिया गया था। उचित अनुमति और फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना ओरेवा ग्रुप के निदेशक ने पुल को जनता के लिए खोल दिया था।

उच्च न्यायालय ने इस दुखद घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए ओरेवा ग्रुप के निदेशक को जनहित याचिका में प्रतिवादी बनाया था।

--आईएएनएस

पीके/एएनएम