भारत, पाकिस्तान परमाणु विस्फोट के बहुत करीब आ गए थे: पोम्पियो (लीड-2)

न्यूयॉर्क, 25 जनवरी (आईएएनएस)। पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के अनुसार, भारत और पाकिस्तान 2019 के टकराव के दौरान परमाणु विस्फोट के बहुत करीब आ गए थे, दोनों पक्ष एक दूसरे पर परमाणु हथियार तैनात करने की तैयारी कर रहे थे।
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न्यूयॉर्क, 25 जनवरी (आईएएनएस)। पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के अनुसार, भारत और पाकिस्तान 2019 के टकराव के दौरान परमाणु विस्फोट के बहुत करीब आ गए थे, दोनों पक्ष एक दूसरे पर परमाणु हथियार तैनात करने की तैयारी कर रहे थे।

उन्होंने अपनी पुस्तक, नेवर गिव एन इंच में कहा कि- भारतीय विदेश मंत्री का फोन आया इसके बाद उनकी टीम ने इस संकट को टालने के लिए भारत और पाकिस्तान के साथ रात भर काम किया था। उनका मानना था कि पाकिस्तान हमले के लिए परमाणु हथियार तैयार कर रहा है और भारत अपनी खुद के संबंधित विभाग पर विचार कर रहा था।

फरवरी 2019 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 46 जवानों की हत्या करने वाले आतंकवादी हमले से उत्पन्न संकट के दौरान विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज थीं। लेकिन पोम्पियो ने अपने समकक्ष का उल्लेख पुरुष सर्वनाम के साथ किया है जो अस्पष्टता पैदा कर रहा है कि उन्होंने किसके साथ बात की।

उन्होंने लिखा, मुझे नहीं लगता कि दुनिया को पता है कि फरवरी 2019 में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव परमाणु हमले के कितना करीब आ गया था। सच तो यह है कि मुझे भी इसका सही जवाब नहीं पता, लेकिन मैं बस इतना जानता हूं कि दोनों देश न्यूक्लियर अटैक के काफी करीब थे।

पोम्पेओ ने लिखा, उस रात वह अमेरिका-उत्तर कोरिया शिखर सम्मेलन के लिए वियतनाम के हनोई में थे। तब उन्हें सुषमा स्वराज के फोन से जगाया गया, उन्होंने बताया कि उन्हें विश्वास है कि पाकिस्तानियों ने हमले के लिए अपने परमाणु हथियार तैयार करना शुरू कर दिया है और वो भी जवाब देंगे, तब मैंने उनसे कुछ नहीं करने और सब कुछ ठीक करने के लिए थोड़ा वक्त देने के लिए कहा।

उन्होंने लिखा- मैंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ बातचीत की। उन्हें बताया कि भारतीय समकक्ष ने मुझे परमाणु हमले के बारे में जानकारी दी है, लेकिन बाजवा ने कहा कि यह सच नहीं है। जैसा कि उम्मीद की जा सकती है, उनका मानना था कि भारतीय तैनाती के लिए अपने परमाणु हथियार तैयार कर रहे थे।

पोम्पेओ ने कहा, हमें कुछ घंटों का समय लगा और नई दिल्ली तथा इस्लामाबाद में हमारी टीमों ने बहुत अच्छा काम किया। प्रत्येक पक्ष को समझाया कि वे परमाणु युद्ध की तैयारी नहीं करेंगे। डी-एस्केलेशन का श्रेय लेते हुए उन्होंने लिखा: कोई अन्य राष्ट्र ऐसा नहीं कर सकता था, लेकिन हमने उस रात भयानक परिणाम से बचने के लिए ऐसा किया।

उन्होंने केनेथ जस्टर के काम को स्वीकार किया, जो नई दिल्ली में तत्कालीन अमेरिकी दूत थे, उन्होंने उन्हें अविश्वसनीय रूप से सक्षम राजदूत कहा, जो भारत और उसके लोगों से प्यार करता है। पोम्पियो, जो राज्य सचिव बनने से पहले केंद्रीय खुफिया एजेंसी के निदेशक थे, ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के मंत्रिमंडल में अपने चार साल बिताए।

पुस्तक, सबटाइटल, फाइटिंग फॉर द अमेरिका आई लव, बताती है कि कैसे उन्होंने ट्रम्प के अमेरिका फस्र्ट विजन को आक्रामक रूप से लागू किया। नई दिल्ली के साथ संबंधों को गहरा करने के अपने प्रयासों के बारे में लिखते हुए, पोम्पेओ ने लिखा कि उन्होंने चीनी आक्रामकता को अनुबंधित करने के लिए भारत को अपनी कूटनीति का आधार बनाया।

उन्होंने कहा, मैंने भारत को अगला महान अमेरिकी सहयोगी बनाने के लिए गंभीर समय और प्रयास समर्पित करने का फैसला किया है।

--आईएएनएस

केसी/एएनएम