भड़काऊ भाषण मामले में सपा नेता आजम खान बरी

रामपुर, 24 मई (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान को एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनको नफरती भाषण देने के आरोप से बरी कर दिया है।
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रामपुर, 24 मई (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान को एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनको नफरती भाषण देने के आरोप से बरी कर दिया है।

समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक आजम खां को बड़ी राहत मिली है। बुधवार को निचली अदालत ने भड़काऊ भाषण के मामले में सजा के आदेश को खारिज कर दिया है।

बताते चलें कि यह वही भड़काऊ भाषण का मामला है, जिसमें आजम खान कि विधायकी गई थी और उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई थी। निचली अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद आजम खां की तरफ से इसके खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील की गई थी।

आजम खान के वकील विनोद शर्मा ने बताया कि यह 185/2019 क्राइम नंबर का मुकदमा था जिसकी हमने अपील की थी जिसमें हमें लोअर कोच से कन्वैक्शन हो गया था आज अपील में उन्होंने कहा है जो नीचे का जजमेंट था, वह गलत था और जितने भी सेक्शन थे हेट स्पीच मामले में उन सब में हमें बाइज्जत बरी कर दिया है और हमें खुशी है कि हमें इंसाफ मिल गया है।

शर्मा ने कहा कि आज न्यायालय ने हमें दोषमुक्त किया है जो प्रॉसीक्यूशन था अभियोजन अपना केस साबित नहीं कर पाया और हमें झूठा फंसाया गया। हमारी बात मानी गई यह अपील हमारे फेवर में गई है अब दोषमुक्त कर दिया है।

आजम को इस मामले में एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट ट्रायल) की कोर्ट ने 27 अक्तूबर 2022 को आजम खां को तीन साल सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी।

सजा के खिलाफ आजम खां ने सेशन कोर्ट में अपील की थी। बुधवार को मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) में हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आजम खां को नफरती भाषण देने के आरोप से मुक्त कर दिया है। कोर्ट ने मजिस्ट्रेट ट्रायल की कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। कोर्ट ने इस मामले में 70 पेज में अपना फैसला सुनाया है।

जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसले का उल्लेख किया गया है। सेशन कोर्ट के फैसले से आजम खां को बड़ी राहत मिली है, लेकिन उनकी विधायकी बहाल होने पर अभी संदेह है। क्योंकि छजलैट प्रकरण के मुकदमे में भी मुरादाबाद की कोर्ट ने आजम खां और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम को दो-दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद अब्दुल्ला आजम खां की विधायकी चली गई थी। ऐसे में उनकी विधायकी बहाल नहीं हो सकती है।

गौरतलब हो कि हेट स्पीच से जुड़ा यह मामला 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान का है। कथित रूप से आजम खान ने रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थी। इसकी शिकायत भाजपा नेता और रामपुर सीट से मौजूदा विधायक आकाश सक्सेना ने की थी। इसी मामले में रामपुर कोर्ट ने आजम को दोषी ठहराया था। पिछले साल 27 अक्टूबर को एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान को तीन साल की सजा सुनाई थी। इस सजा के आधार पर आजम खान की सदस्यता रद्द कर दी गई थी।

--आईएएनएस

विकेटी/एएनएम