बिहार के गया, राजगीर शहरों में घरों तक पहुंचेगा गंगा का पानी

पटना, 24 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अति महत्वाकांक्षी योजना गंगाजल उद्भव परियोजना अब धरातल पर उतरने वाली है। इस योजना के तहत गंगा नदी का पानी अब गया, बोधगया और राजगीर के घरों तक पहुंचेगा। बहुत जल्द इसकी शुरूआत की जाएगी।
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बिहार के गया, राजगीर शहरों में घरों तक पहुंचेगा गंगा का पानी पटना, 24 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अति महत्वाकांक्षी योजना गंगाजल उद्भव परियोजना अब धरातल पर उतरने वाली है। इस योजना के तहत गंगा नदी का पानी अब गया, बोधगया और राजगीर के घरों तक पहुंचेगा। बहुत जल्द इसकी शुरूआत की जाएगी।

बिहार से होकर गंगा नदी गुजरती है, लेकिन भौगोलिक स्थिति के कारण गंगा का पानी दक्षिण बिहार में पहुंच नहीं पाता। इस योजना के तहत बारिश के मौसम के दौरान नदी के अतिरिक्त पानी को जलाशयों में संग्रहित किया जाएगा। साल के 365 दिनों तक लोगों को पीने योग्य पानी की आपूर्ति की जाएगी।

बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि बाढ़ के पानी को जमा कर सालों भर पेयजल के रूप में उपयोग करने की मुख्यमंत्री की अनूठी परिकल्पना 27 नवंबर को धरातल पर साकार होगी। उन्होंने बताया कि बुधवार को ही उन्होंने गंगा जल आपूर्ति योजना के तहत गया, बोधगया व राजगीर में हो रहे अंतिम चरण के कार्यों का स्थल निरीक्षण किया है।

उन्होंने बताया कि गंगाजी राजगृह जलाशय का जल भंडारण की क्षमता 9.915 एमसीएम है। राजगीर शहर में जल आपूर्ति के लिए इसी जलाशय में गंगाजल का भंडारण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गंगा नदी में बरसात महीने में पानी की अधिकता होती है। इस पानी को पाइप लाइन के जरिये राजगीर, गया, बोधगया में सालों भर पेयजल के रूप में उपयोग करने की योजना है।

इस अतिमहत्वाकांक्षी गंगाजल आपूर्ति योजना का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 27 नवंबर को राजगीर में, जबकि 28 नवंबर को गया व बोधगया में लोकार्पण करेंगे।

इस योजना के माध्यम से राजगीर के कुल 19 वाडरें के करीब 8031 घरों में शुद्ध पेयजल के रूप में हर घर गंगाजल की आपूर्ति की जायेगी जबकि गया और बोधगया में 80 हजार घरों में पेयजल आपूर्ति की जाएगी।

झा ने कहा कि देश में संभवत: पहली बार नदी के अधिशेष जल को जलसंकट वाले शहरों में ले जाकर पेयजल के रूप में उपयोग किया जायेगा।

सरकार का मानना है कि गंगा जल आपूर्ति योजना से जहां जल संकट से जूझते शहरों में सालों भर पेयजल उपलब्ध होगा तथा उस क्षेत्र के पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह योजना राजगीर व गया शहर के आसपास के इलाकों में गिरते भूजल स्तर को फिर से स्थापित करने तथा पर्यावरणीय संतुलन को सु²ढ़ करने में सहायक होगा।

मंत्री ने बताया कि इस योजना की संरचनाओं के निर्माण में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है। योजना के तहत हाथीदह में राजेन्द्र पुल के निकट निर्मित इंटेक वेल सह पंप हाउस के जरिये अधिशेष गंगाजल को लिफ्ट का करीब 151 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के जरिये राजगीर, गया व बोधगया तक पहुंचाया गया है। वहां निर्मित जलाशयों में गंगाजल का पर्याप्त भंडारण कर लिया गया है।

--आईएएनएस

एमएनपी/एसकेपी