बिहार : ओवैसी का सीमांचल दौरा, निशाने पर रहेंगे सत्ता पक्ष और विपक्ष

किशनगंज, 17 मार्च (आईएएनएस)। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी की नजर बिहार के सीमांचल इलाकों पर लगी है। एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी अब सीमांचल आ रहे हैं। शुक्रवार शाम ओवैसी बिहार पहुंचेंगे और अगले दो दिनों तक सीमांचल इलाके के अलग-अलग जगहों पर विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
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किशनगंज, 17 मार्च (आईएएनएस)। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी की नजर बिहार के सीमांचल इलाकों पर लगी है। एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी अब सीमांचल आ रहे हैं। शुक्रवार शाम ओवैसी बिहार पहुंचेंगे और अगले दो दिनों तक सीमांचल इलाके के अलग-अलग जगहों पर विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।

सीमांचल पर सभी राजनीतिक दलों की नजर है। बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह पूर्णिया में रैली कर चुके है तो सत्ताधारी महागठबंधन भी पूर्णिया में एक जनसभा कर लोकसभा चुनाव की तैयारी का आगाज कर चुका है।

कहा जा रहा है ओवैसी की इस यात्रा से बिहार की खासकर सीमांचल की सियासत गर्म होने वाली है। यह तय माना जा रहा है कि ओवैसी के निशाने पर सत्ता पक्ष तो रहेगा ही, विपक्ष भी उनके निशाने पर होगा।

एआइएमआइएम के किशनगंज जिलाध्यक्ष इसाक आलम बताते है कि ओवैसी 18 मार्च को अमौर के खाड़ी में जनसभा को संबोधित करेंगे और उसके बाद कोचाधामन में सभा को संबोधित करेंगे, जबकि अगले दिन 19 मार्च को लोहागाड़ा में लोगों से मुलाकात करेंगे और खरखरी भेरभेरी में लोगों से मुखातिब होंगे।

उल्लेखनीय है कि बिहार में प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान को छोड़कर सभी चार विधायकों को राजद ने अपने साथ मिला लिया है।

कहा जाता है कि सीमांचल में ओवैसी के पांव पसारने और मजबूत होने से सबसे ज्यादा नुकसान राजद को होगा। मुस्लिम बहुल सीमांचल इलाके में ओवैसी की पार्टी खुद को मजबूत करने में जुटी है।

प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान कहते हैं कि तेजस्वी यादव ने सरकार गठन से पूर्व सीमांचल के विकास को लेकर आयोग के गठन की बात की थी लेकिन उसपर कोई चर्चा आज तक नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि ये लोग सीमांचल के लोगों को मजदूर और गुलाम बना कर रखना चाहते हैं।

--आईएएनएस

एमएनपी/एसकेपी