बांग्लादेश में 1970 के बाद से खराब मौसम के कारण 520,758 लोगों की मौत : डब्ल्यूएमओ

ढाका, 24 मई (आईएएनएस)। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में खराब मौसम, जलवायु और पानी से संबंधित घटनाओं से 1970 और 2021 के बीच 520,758 मौतें दर्ज की गई हैं।
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ढाका, 24 मई (आईएएनएस)। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में खराब मौसम, जलवायु और पानी से संबंधित घटनाओं से 1970 और 2021 के बीच 520,758 मौतें दर्ज की गई हैं।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएमओ ने चतुर्भुज विश्व मौसम विज्ञान कांग्रेस के लिए रिपोर्ट जारी की, जो मंगलवार को 2027 के अंत तक पृथ्वी पर हर किसी तक प्रारंभिक चेतावनी सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई तेज करने और बढ़ाने पर एक उच्च-स्तरीय संवाद के साथ शुरू हुई।

रिपोर्ट में कहा गया है, दुनिया भर में होने वाली सभी मौतों में से 47 प्रतिशत मौतें एशिया में हुईं, इनमें उष्णकटिबंधीय चक्रवात मौतों का प्रमुख कारण हैं। 2008 में उष्णकटिबंधीय चक्रवात नरगिस के कारण 138,366 मौतें हुईं।

चरम मौसम, जलवायु और पानी से संबंधित घटनाओं के कारण 1970 और 2021 के बीच 11,778 आपदाओं की सूचना मिली। इसमें 2 मिलियन से अधिक मौतें हुईं और 4.3 ट्रिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ।

रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में होने वाली मौतों में से 90 प्रतिशत से अधिक विकासशील देशों में हुई हैं।

डब्ल्यूएमओ के महासचिव पेटेरी तालस ने कहा, दुर्भाग्य से सबसे कमजोर समुदाय मौसम, जलवायु और पानी से संबंधित खतरों का खामियाजा भुगतते हैं।

महासचिव ने कहा, अतीत में, म्यांमार और बांग्लादेश दोनों ने सैकड़ों हजारों लोगों की मौत का सामना किया। लेकिन प्रारंभिक चेतावनियों और आपदा प्रबंधन के कारण इस प्रकार की मौतों की संख्या में अब कमी आई है।

डब्ल्यूएमओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में 1.7 ट्रिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ है, जो 51 वर्षों में दुनिया भर में हुए कुल नुकसान का 39 प्रतिशत है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे कम विकसित देशों और छोटे द्वीपीय विकासशील राज्यों को अपनी अर्थव्यवस्थाओं के आकार के संबंध में अनुपातहीन रूप से अधिक नुकसान का सामना करना पड़ा।

रिपोर्ट के अनुसार, बेहतर प्रारंभिक चेतावनियों और समन्वित आपदा प्रबंधन ने पिछली आधी सदी में मानव हताहतों की संख्या में कमी की है, हालांकि आर्थिक नुकसान बढ़ गया है।

--आईएएनएस

सीबीटी