बंगाल मवेशी तस्करी मामला: सीमा शुल्क अधिकारी सीबीआई जांच के घेरे में

कोलकाता, 24 मई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के कथित मवेशी तस्करी घोटाले के सिलसिले में सीमा शुल्क विभाग के कई अधिकारी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच के दायरे में आ गए हैं। सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ दिनों के दौरान, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने इस मामले में दो अधिकारियों से पूछताछ की है, जबकि कई अन्य को अगले सप्ताह तलब किया गया है।
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कोलकाता, 24 मई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के कथित मवेशी तस्करी घोटाले के सिलसिले में सीमा शुल्क विभाग के कई अधिकारी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच के दायरे में आ गए हैं। सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ दिनों के दौरान, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने इस मामले में दो अधिकारियों से पूछताछ की है, जबकि कई अन्य को अगले सप्ताह तलब किया गया है।

पता चला है कि सीमा शुल्क अधिकारियों को जब पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात किया गया था, तब उस सीमा के माध्यम से मवेशियों की तस्करी चरम पर थी।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बाद सीमा शुल्क दूसरा केंद्र सरकार का विभाग है, जो घोटाले के संबंध में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में आया है। इससे पहले सीबीआई ने घोटाले में चल रही जांच के दौरान बीएसएफ कमांडेंट सतीश कुमार को भी गिरफ्तार किया था।

हाल ही में ईडी ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी, इसमें कथित घोटाले में बीएसएफ अधिकारियों की संलिप्तता का जिक्र था।

चार्जशीट में, केंद्रीय जांच एजेंसी ने बताया है कि बीरभूम जिले के मोहम्मद बाजार में एक पशु-व्यापार केंद्र से मवेशियों की तस्करी कैसे की गई, जिसे बगल के मुर्शिदाबाद जिले की सीमाओं पर ले जाया गया और बाद में एक की मिलीभगत से सीमा से बाहर भेज दिया गया। बीएसएफ के अधिकारियों का एक वर्ग वहां तैनात है।

विशेष रूप से, तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और पार्टी के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल वर्तमान में नई दिल्ली के तिहाड़ जेल में मवेशी तस्करी में कथित संलिप्तता के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। उनकी बेटी सुकन्या मंडल, पर्सनल चार्टर्ड अकाउंट मनीष कोठारी और अंगरक्षक सहगल हुसैन भी इसी जेल में हैं।

--आईएएनएस

सीबीटी