पूर्ण सीयूईटी लागू न होने पर जामिया प्रशासन के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे छात्र

नई दिल्ली, 18 मार्च (आईएएनएस)। जामिया विश्वविद्यालय में कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) को लेकर छात्रों और विश्वविद्यालय के बीच विवाद बना हुआ है। जामिया विश्वविद्यालय ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए दो टूक कहा है कि इस वर्ष वह सीयूईटी के तहत केवल 20 पाठ्यक्रमों में दाखिले प्रदान करेगा। वहीं छात्रों का एक वर्ग विश्वविद्यालय में सभी दाखिलों के लिए सीयूईटी को अनिवार्य करने की मांग पर अड़ा है। छात्रों का कहना है कि सीयूईटी से संबंधी अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो वह जामिया प्रशासन के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे।
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नई दिल्ली, 18 मार्च (आईएएनएस)। जामिया विश्वविद्यालय में कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) को लेकर छात्रों और विश्वविद्यालय के बीच विवाद बना हुआ है। जामिया विश्वविद्यालय ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए दो टूक कहा है कि इस वर्ष वह सीयूईटी के तहत केवल 20 पाठ्यक्रमों में दाखिले प्रदान करेगा। वहीं छात्रों का एक वर्ग विश्वविद्यालय में सभी दाखिलों के लिए सीयूईटी को अनिवार्य करने की मांग पर अड़ा है। छात्रों का कहना है कि सीयूईटी से संबंधी अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो वह जामिया प्रशासन के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कि जामिया इकाई का कहना है कि सीयूईटी के माध्यम से ही जामिया के सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाए। अभाविप, जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में सीयूईटी को पूर्ण रूप से लागू करने को लेकर प्रदर्शन भी कर रहा है। विद्यार्थी परिषद के मुताबिक प्रदर्शन में शामिल छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसका वह कड़ा विरोध करते हैं तथा इस नोटिस को तत्काल वापस लेने की मांग की है।

गौरतलब हो कि भारत के अधिकांश केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए यूजीसी ने कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट कराने का निर्णय लिया है। लेकिन जामिया प्रशासन द्वारा केवल बीस पाठ्यक्रमों में ही सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश दे रही है। जिसके विरूद्ध अभाविप ने 14 मार्च को प्रदर्शन कर सभी पाठ्यक्रमों में सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश देने की मांग कर विश्वविद्यालय प्रशासन को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा था।

विद्यार्थी परिषद के मुताबिक प्रदर्शन के उपरांत प्रदर्शन में शामिल 3 छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी दी गई, यह पूर्ण रूप से गलत तथा छात्रों की आवाज को दबाने वाला तानाशाही रवैया है।

अभाविप दिल्ली के प्रदेश मंत्री हर्ष अत्री ने कहा कि शांतिपूर्ण तथा लोकतांत्रिक प्रदर्शन में शामिल छात्रों को डराने के लिए नोटिस जारी करना जामिया प्रशासन का छात्रों की आवाज को दबाने के लिए उठाया गया तानाशाहीपूर्ण कदम है। जिसका अभाविप पुरजोर तरीके से विरोध करती है व जामिया प्रशासन से इस नोटिस को तत्काल वापस लेने की मांग करती है और साथ में यह भी आह्वान करती है कि सीयूईटी से संबंधी अगर हमारी मांगो पर विचार नहीं किया गया तो हम जामिया प्रशासन के खिलाफ छात्रों के हित में सड़क पर उतरेंगे।

--आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम