नौकरी के बदले जमीन मामले में सुशील मोदी ने कई नए खुलासे किए, नीतीश, ललन सिंह को दिया धन्यवाद

पटना, 18 मार्च (आईएएनएस)। नौकरी के बदले जमीन के मामले में जांच एजेंसियां राजद के प्रमुख लालू प्रसाद परिवार पर शिकंजा कस रहा है। इधर, भाजपा के नेता और सांसद सुशील कुमारवमोदी ने शनिवार को एक बार फिर इसी मामले को लेकर लालू परिवार पर जोरदार निशाना साधा है।
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पटना, 18 मार्च (आईएएनएस)। नौकरी के बदले जमीन के मामले में जांच एजेंसियां राजद के प्रमुख लालू प्रसाद परिवार पर शिकंजा कस रहा है। इधर, भाजपा के नेता और सांसद सुशील कुमारवमोदी ने शनिवार को एक बार फिर इसी मामले को लेकर लालू परिवार पर जोरदार निशाना साधा है।

मोदी ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में स्थित डी 1088 चार मंजिला मकान की कीमत 150 करोड़ बताई जा रही है। जिसमें ईडी ने पूछताछ भी की थी।

उन्होंने दावा किया कि वह मकान एक कंपनी ए. के. इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के नाम रजिस्टर्ड है। इसी कंपनी को पटना के हजारी राय ने सेल डीड के तहत साल 2007 में 9527 वर्ग फुट का भूखंड 10 लाख 83 हजार रूपए कैश भुगतान किए थे। जिसके एवज में हजारी राय के दो भतीजों दिल चंद्र कुमार और प्रेम चंद्र कुमार को रेलवे में नौकरी मिल गई थी।

उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद का नारा ही था कि तुम मुझे जमीन दो मैं तुम्हारा काम करूंगा।

उन्होंने कहा कि इस ए के इंफोसिस्टम के 2014 में तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी मालिक बन गए। इस कंपनी के 100 प्रतिशत शेयर राबड़ी और तेजस्वी के नाम है।

उन्होंने कहा कि इस कंपनी की डायरेक्टर रागिनी हैं। इसी कंपनी में रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लिखवाई गई और अब इस जमीन के मालिक राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव हैं।

ए. के. इंफोसिस कंपनी का इतिहास बताते हुए मोदी ने कहा कि राबड़ी सरकार के कार्यकाल (2000-05) के दौरान अमित कल्यान की कंपनी आइसबर्ग इंडस्ट्रीज, बिहटा में शराब की फैक्ट्री लगाई।

इस कंपनी में लालू परिवार के लोग भी डायरेक्टर थे इसी अमित कल्याल के नाम अमित कल्याल इंफोसिस्टम नामक कंपनी बनी। अमित कात्यान की एक अन्य कंपनी ट्रिंगल ट्रेडिंग कंपनी Ýं्िरल्लॅ छ.ि द्वारा 2010 में तेजस्वी यादव को 9.5 लाख रुपया की गाड़ी उपलब्ध कराई गई। अमित काल्याल ने 30.26 लाख तेजस्वी को तथा 55.51 लाख तेज प्रताप को कर्ज दिया जो बाद में राइट ऑफ कर दिया गया।

मोदी ने दावा किया कि पटना और दानापुर सर्किल के मौजा चितकोहरा, सलेमपुर, चितनावां, बाभनगावां, पानापुर में 21 भूखंड जिसका क्षेत्रफल 221 डिसमिल है को 2007-10 के बीच 2 करोड़ 16 लाख में खरीदा गया।

इस कंपनी को जमीन खरीदने के लिए अमित कात्याल ने 45 लाख 50 हजार का ऋण दिया। इसके अलावा राबड़ी देवी ने भी 1 करोड़ 54 लाख का 2018 लोन दिया। इस प्रकार तेजस्वी यादव ए.के. इंफो के माध्यम से करोड़ों की संपति के मालिक बन बैठे।

इस मामले में मोदी ने सवाल उठाया है कि अमित ने लालू के बेटे-बेटियों को क्यों अपनी कंपनी का डायरेक्टर बनाया। इस मामले में भाजपा नेता ने कई सवाल उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि सीबीआई तथ्यों के आधार पर कार्रवाई कर रही है और यह मामला कभी बंद नहीं हुआ है। मोदी ने कहा कि तेजस्वी का यह आरोप कि उन्हें फंसा दिया गया है, यह फिजूल आरोप है।

सुशील मोदी ने दावा किया कि इस मामले को पहली बार ललन सिंह, शरद यादव और मुख्तार अब्बास नकवी सबसे पहले सामने लेकर आए। नीतीश कुमार और ललन सिंह इस घोटाले का सूत्रपात किया था इसलिए दोनों धन्यवाद के पात्र हैं।

--आईएएनएस

एमएनपी/एएनएम