नेल्लोर जिला अदालत से दस्तावेज चोरी, आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपा मामला

अमरावती, 24 नवंबर (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को राज्य के एक मंत्री से जुड़े नेल्लोर जिला अदालत से दस्तावेजों की चोरी की जांच सौंपी।
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नेल्लोर जिला अदालत से दस्तावेज चोरी, आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपा मामला अमरावती, 24 नवंबर (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को राज्य के एक मंत्री से जुड़े नेल्लोर जिला अदालत से दस्तावेजों की चोरी की जांच सौंपी।

मुख्य न्यायाधीश पी.के. मिश्रा ने मामले को केंद्रीय एजेंसी को जांच सौंपने का आदेश सुनाया। उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई शुरू की थी, जिसमें नेल्लोर जिला अदालत से दस्तावेजों की चोरी के मामले में पुलिस जांच ठीक से नहीं होने की बात कही गई।

जिला प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अगर एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच की जाएगी तो तथ्य सामने आएंगे।

राज्य सरकार के साथ-साथ कृषि मंत्री काकानी गोवर्धन रेड्डी ने उच्च न्यायालय से कहा कि नेल्लोर जिला अदालत से मंत्री से जुड़े एक मामले से संबंधित दस्तावेजों की चोरी की सीबीआई जांच के लिए उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।

मंत्री काकानी से जुड़े जालसाजी और धोखाधड़ी के मामले से संबंधित दस्तावेज अप्रैल में नेल्लोर में चौथे अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट से चोरी हो गए थे।

दिसंबर 2017 में, तत्कालीन विधायक काकानी ने तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के नेता और पूर्व मंत्री सोमीरेड्डी चंद्रमोहन रेड्डी पर भारी संपत्ति जमा करने का आरोप लगाया था और सबूत के तौर पर कुछ दस्तावेज जारी किए थे।

सोमिरेड्डी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि काकानी द्वारा जारी किए गए दस्तावेज जाली थे। मामले में चार्जशीट भी दाखिल की गई थी।

काकानी के मंत्री बनने के कुछ दिनों बाद 14 अप्रैल को मामले में अदालत के सामने पेश किए गए दस्तावेज अदालत से चोरी हो गए थे।

अपराधी दस्तावेजों से भरा एक बैग, कुछ टिकटें और कुछ इलेक्ट्रॉनिक सामान ले गए।

कोर्ट स्टाफ की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

बाद में पुलिस को चोरी का बैग अदालत के बाहर एक पुलिया से मिला लेकिन कई दस्तावेज गायब थे। पुलिस ने मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है।

सीबीआई जांच की मांग को लेकर नेल्लोर कोर्ट में वकीलों ने धरना दिया था। उन्होंने इस घटना को न्यायपालिका के इतिहास में अभूतपूर्व करार दिया।

--आईएएनएस

पीके/एसकेपी