नेता, न्यायाधीश और सरकारी कर्मचारियों को ऑनलाइन लेनी होगी विदेशी आतिथ्य की अनुमति

नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विधायिकाओं के सदस्यों, राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों, न्यायाधीशों, सरकारी अधिकारियों और निगमों के कर्मचारियों द्वारा विदेशी आतिथ्य की स्वीकृति से जुड़े अपने दिशानिर्देशों को संशोधित किया है। इसके तहत अब इन्हें विदेश में मेहमाननवाजी के लिए सरकार से ऑनलाइन इजाजत लेनी होगी।
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नेता, न्यायाधीश और सरकारी कर्मचारियों को ऑनलाइन लेनी होगी विदेशी आतिथ्य की अनुमति नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विधायिकाओं के सदस्यों, राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों, न्यायाधीशों, सरकारी अधिकारियों और निगमों के कर्मचारियों द्वारा विदेशी आतिथ्य की स्वीकृति से जुड़े अपने दिशानिर्देशों को संशोधित किया है। इसके तहत अब इन्हें विदेश में मेहमाननवाजी के लिए सरकार से ऑनलाइन इजाजत लेनी होगी।

गृह मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी एक आदेश में कहा गया है कि विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम ऑनलाइन सेवाओं में शामिल किया गया है, जहां विदेशी आतिथ्य स्वीकार करने के लिए एफसीआरए, 2010 के तहत दी गई अनुमति को प्रशासनिक मंजूरी के बराबर नहीं माना जाएगा, जिसे संबंधित मंत्रालय या विभाग में सक्षम प्राधिकारी से प्राप्त करना होता है।

आदेश में कहा गया है कि विधायिका का कोई भी सदस्य, राजनीतिक दल का पदाधिकारी या न्यायाधीश या सरकारी सेवक या सरकार के स्वामित्व या नियंत्रण वाले किसी अन्य निकाय का कर्मचारी, भारत के बाहर किसी भी देश या क्षेत्र का दौरा करते समय केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति के बिना कोई भी विदेशी आतिथ्य स्वीकार नहीं करेगा। आदेश में कहा गया है, यात्रा के दौरान आपात चिकित्सा आवश्यकता की स्थिति में विदेशी आतिथ्य की अनुमति होगी, अगर वह व्यक्ति यह सेवा प्राप्त करने के एक महीने के भीतर इस संबंध में सरकार को सूचित करता है।

गृह मंत्रालय ने ये भी कहा है कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जो विदेशी आतिथ्य प्राप्त करना चाहता है, उसे प्रस्तावित यात्रा से कम से कम दो सप्ताह पहले ऐसे विदेशी आतिथ्य को स्वीकार करने की पूर्व अनुमति के लिए फॉर्म एफसी-2 में इलेक्ट्रॉनिक रूप में केंद्र सरकार को आवेदन करना होगा।

आदेश में ये भी कहा गया है कि विदेशी आतिथ्य की स्वीकृति के लिए प्रत्येक आवेदन के साथ मेजबान या मेजबान देश से एक निमंत्रण पत्र और संबंधित मंत्रालय या विभाग द्वारा प्रायोजित यात्राओं के मामले में सरकार की प्रशासनिक मंजूरी के साथ होना चाहिए। वहीं ऐसे विदेशी आतिथ्य के लिए एफसीआरए की मंजूरी जमा करने की आवश्यकता नहीं है, जहां प्रस्तावित विदेश यात्रा पर पूरा खर्च केंद्र, राज्य सरकार या किसी केंद्रीय / राज्य सार्वजनिक उपक्रम आदि द्वारा किया जा रहा है।

--आईएएनएस

एसपीटी/एसकेपी