नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर बिहार में गर्म हुई राजनीति, भाजपा और सत्ता पक्ष आमने-सामने

पटना, 24 मई (आईएएनएस)। नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह कार्यक्रम को लेकर बिहार में राजनीति गर्म हो गई है। बिहार में सत्तारूढ़ राजद और जदयू ने उद्घाटन समारोह के वहिष्कार की घोषणा कर दी है, जबकि भाजपा इसे दुर्भाग्यपूर्ण बता रही है। राजद के नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए।
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पटना, 24 मई (आईएएनएस)। नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह कार्यक्रम को लेकर बिहार में राजनीति गर्म हो गई है। बिहार में सत्तारूढ़ राजद और जदयू ने उद्घाटन समारोह के वहिष्कार की घोषणा कर दी है, जबकि भाजपा इसे दुर्भाग्यपूर्ण बता रही है। राजद के नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए।

पटना में बुधवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए तेजस्वी ने कहा कि हमारी सभी लोगों से बात हुई है। हमलोग उद्घाटन सत्र का बहिष्कार करेंगे।

उन्होंने कहा कि हम लोगों का मानना है कि नए संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों से होना चाहिए, क्योंकि संसद का हेड राष्ट्रपति होता है और ये उद्घाटन उनसे न कराकर उनका अपमान किया जा रहा है।

इधर, बिहार विधानमंडल के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने विपक्ष के संसद भवन के उद्घाटन समारोह का वहिष्कार करने के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि आधुनिक संसद भवन भारत के लोकतंत्र के आदशरें और गौरव के अनुरूप है।

उन्होंने कहा कि उद्घाटन समारोह का वहिष्कार विपक्ष की संकीर्ण मानसिकता का परिचायक है। सत्ता पक्ष का विरोध मात्र उनका कार्य बनकर रह गया। उन्होंने कहा कि विपक्ष प्रधानमंत्री के रूप में अति पिछड़ा के बेटे को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपमान करने का इनका एजेंडे में ये राष्ट्र विरोधी ताकतों से भी मदद लेने से नहीं चूक रहे।

इससे पहले, जदयू ने भी संसद भवन उद्घाटन समारोह के वहिष्कार करने की घोषणा की है। जदयू के प्रमुख प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि पुरखों का अपमान करना इनकी संस्कृति है। नया संसद भवन बनाने की क्या प्रासंगिकता है?

उन्होंने कहा, कोरोना महामारी के दौरान, आपने कोविड पीड़ितों की मदद के लिए कम राशि दी जा रही थी और आप संसद भवन बना रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वतंत्रता सेनानियों की तीसरी पीढ़ी के लिए नौकरी में आरक्षण दे रहे हैं, लेकिन आप ऐसा नहीं कर रहे हैं।

--आईएएनएस

एमएनपी/एएनएम