तमिलनाडु : पीएफआई और एसडीपीआई कार्यकर्ताओं ने किया एनआईए, ईडी की छापेमारी का विरोध

चेन्नई, 22 सितंबर (आईएएनएस)। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसकी राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के कार्यकर्ता चेन्नई, डिंडीगुल, सलेम और तमिलनाडु के अन्य स्थानों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पीएफआई दफ्तरों पर छापेमारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे है।
 | 
तमिलनाडु : पीएफआई और एसडीपीआई कार्यकर्ताओं ने किया एनआईए, ईडी की छापेमारी का विरोध चेन्नई, 22 सितंबर (आईएएनएस)। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसकी राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के कार्यकर्ता चेन्नई, डिंडीगुल, सलेम और तमिलनाडु के अन्य स्थानों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पीएफआई दफ्तरों पर छापेमारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे है।

देशभर में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई जारी है। जिसमें नई दिल्ली, कर्नाटक, केरल और आठ अन्य राज्य शामिल हैं।

छापेमारी शुरू होने के बाद चेन्नई में पार्टी कार्यालयों के सामने पीएफआई और एसडीपीआई के 100 से अधिक कार्यकर्ता पहुंच गए। इस दौरान केंद्रीय पुलिस बल भी तैनात था। केंद्रीय जांच एजेंसियों ने राज्य पुलिस को इस मामले में संज्ञान में नहीं लिया है।

चेन्नई के मायलापुर में पीएफआई के एक पदाधिकारी आर. नासिर ने आईएएनएस से कहा, यह फासीवादी ताकतों का एक सामाजिक संगठन पर हमला है। हम फासीवादी शासन के आदेश पर केंद्रीय एजेंसियों द्वारा किए जा रहे अलोकतांत्रिक छापे का कड़ा विरोध करते हैं। हम इस तरह की कायराना हरकतों से नहीं डरेंगे और हमारे पास एजेंसियों से छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) एक इस्लामी संगठन है। नई दिल्ली और केरल में अपने विभिन्न खातों में कुछ वित्तीय लेनदेन के लिए चर्चा में रहा है। पीएफआई के कुछ पदाधिकारियों से पहले केंद्रीय एजेंसियों ने पूछताछ की थी।

डिंडीगुल में भी एनआईए और ईडी पीएफआई के कार्यालयों और संगठन के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों के आवासों पर संयुक्त छापेमारी कर रही है। पीएफआई के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में संगठन के कार्यालय के सामने मौजूद हैं और छापेमारी का विरोध कर रहे है।

डिंडीगुल में पीएफआई के पदाधिकारी सुहेल खान ने आईएएनएस से कहा, एनआईए की छापेमारी केंद्र में फासीवादी प्रकृति का संकेत है। वे पीएफआई को डराने-धमकाने की कोशिश कर रहे हैं, जो मुसलमानों समेत समाज में दलितों के कल्याण के लिए काम कर रहा है। ये छापेमारी हमारा मनोबल तोड़ने के लिए की जा रही है, जो गलत है। क्योंकि हम एक ऐसा संगठन हैं जो लोकतंत्र के तहत काम करते हैं।

--आईएएनएस

पीके/एसकेपी