जोशीमठ भू-धंसाव मामला: हाईकोर्ट ने एनटीपीसी को दी टनल की सफाई करने की अनुमति, भारी मशीनों और विस्फोटक का प्रयोग ना करने की सख्त हिदायत

नैनीताल, 24 मई (आईएएनएस)। नैनीताल हाईकोर्ट ने जोशीमठ में लगातार हो रहे भू धंसाव के बाद एनटीपीसी को टनल की सफाई करने की अनुमति दे दी है। लेकिन हाईकोर्ट ने टनल की सफाई में एनटीपीसी को भारी मशीनों और विस्फोटक का प्रयोग ना करने की सख्त हिदायत दी है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 29 अगस्त की तिथि नियत की है। आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की खंडपीठ में हुईं। मामले में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
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नैनीताल, 24 मई (आईएएनएस)। नैनीताल हाईकोर्ट ने जोशीमठ में लगातार हो रहे भू धंसाव के बाद एनटीपीसी को टनल की सफाई करने की अनुमति दे दी है। लेकिन हाईकोर्ट ने टनल की सफाई में एनटीपीसी को भारी मशीनों और विस्फोटक का प्रयोग ना करने की सख्त हिदायत दी है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 29 अगस्त की तिथि नियत की है। आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की खंडपीठ में हुईं। मामले में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

मामले के अनुसार एनटीपीसी ने उच्च न्यायालय में जोशीमठ में बनी टनल के ट्रीटमेंट के लिए और उसकी सुरक्षा व उससे होने वाले वाले संभावित खतरे को कम करने के लिए टनल की सफाई करने को लेकर हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कहा कि एनटीपीसी को टनल में कार्य करने की अनुमति प्रदान की जाए। ताकि बाढ़ से होने वाले खतरे को रोका जा सके। जबकि जनहित याचिका में कहा गया कि टनल का निर्माण होने से जोशीमठ में दरारें आई हैं। इसलिए इस पर रोक लगाई जाए। इस मामले को उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

आपको बता दें कि, जोशीमठ में भू धंसाव के कई घरों में दरारें आने के बाद उन्हें खाली करवाया गया है। यहां तक कि मार्गों और खेतों में भी दरारें आने से लोगों को पलायन के लिए विवश होना पड़ा है। लोगों ने इसका आरोप एनटीपीसी पर जड़ा था। मामले में सरकार ने भूगर्भ वैज्ञानिकों से जांच कर रिपोर्ट मांगी थी, जो वैज्ञानिकों ने सरकार को दे दी है।

--आईएएनएस

स्मिता/एएनएम