जुरॉन्ग मार्स रोवर को लेकर चीनी वैज्ञानिक आशान्वित : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 18 मार्च (आईएएनएस)। चीनी वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि मंगल ग्रह पर गंभीर मौसम की स्थिति के कारण निष्क्रिय मोड में चला गया जुरॉन्ग मार्स रोवर फिर से काम कर सकता है।
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नई दिल्ली, 18 मार्च (आईएएनएस)। चीनी वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि मंगल ग्रह पर गंभीर मौसम की स्थिति के कारण निष्क्रिय मोड में चला गया जुरॉन्ग मार्स रोवर फिर से काम कर सकता है।

जुरॉन्ग रोवर तियानवेन-1 मिशन का हिस्सा है, जो मई 2021 में मंगल पर दक्षिणी यूटोपिया प्लैनिशिया में उतरा था। चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, पिछले साल मई में ग्रह की सतह पर धूल भरी आंधी का इंतजार करते हुए रोवर साइलेंट मोड में चला गया था।

सर्दियों के मौसम के दौरान, जुरोंग में दिन के समय तापमान शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता है, जबकि रात का तापमान शून्य से 100 डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता है। धूल भरे मौसम और सर्दियों में अत्यधिक कम परिवेश के तापमान से भी सौर विंग की बिजली उत्पादन क्षमता में कमी आती है।

रोवर के दिसंबर में जागने की उम्मीद थी जब मौसम की स्थिति में सुधार होगा, जैसा की मंगल का उत्तरी गोलार्ध वसंत ऋतु में प्रवेश करता है। वाइस डॉट कॉम ने बताया- लेकिन नासा के मार्स रिकॉइनेंस ऑर्बिटर द्वारा ली गई छवियों से पता चलता है कि रोवर 8 सितंबर, 2022 और 7 फरवरी, 2023 के बीच स्थिर रहा है।

मकाउ यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में स्पेस साइंस इंस्टीट्यूट में एसोसिएट प्रोफेसर यी जू ने कहा- छवियों के आधार पर, यह रेत और धूल से ढका हुआ है, इसलिए इसमें निश्चित रूप से सूरज की रोशनी को बिजली में बदलने की क्षमता नहीं है।

मंगल ग्रह पर धूल के तूफानों के अनुकूल होने के लिए, झुरोंग के सौर पैनलों को तितली के पंखों की तरह डिजाइन किया गया है ताकि धूल को उड़ाया जा सके। यह एक तंत्र से भी लैस है जो संचित मलबे को हटाने के लिए अपने पैनलों को पलटता है, लेकिन इसके लिए रोवर का चालू होना आवश्यक है।

जनवरी में, साउथ चाइना मॉनिर्ंग पोस्ट ने बताया कि चीनी वैज्ञानिक अभी भी जुरॉन्ग से संकेत की प्रतीक्षा कर रहे हैं और सैंडस्टॉर्म ने रोवर की अपने सौर पैनलों के साथ बिजली उत्पन्न करने की क्षमता में बाधा उत्पन्न की थी। जुरॉन्ग स्वचालित रूप से ऑपरेशन फिर से शुरू कर सकता है जब इसका ऊर्जा स्तर 140 वाट से अधिक हो जाता है और इसके घटकों का तापमान, जैसे कि इसकी बैटरी, माइनस 59 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर हो जाता है।

यी ने कहा, हमें इंतजार करना होगा क्योंकि अब यह वसंत है और बाद में मंगल ग्रह पर गर्मी का मौसम होगा। तब इसे अधिक धूप मिलनी चाहिए और तापमान भी बढ़ जाएगा। जब बैटरी पूरी तरह चार्ज हो जाती है, तो रोवर या उपकरण फिर से काम कर सकता है।

इस बीच, बीजिंग और अधिकारी रोवर की स्थिति पर चुप हैं, भले ही उसने पिछले महीने कक्षा में अपने मंगल मिशन तियानवेन-1 की दूसरी वर्षगांठ मनाई हो।

--आईएएनएस

केसी/एएनएम