जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कोई जादू की गोली नहीं है: निर्देशक डेनियल गोल्डहैबर

पणजी, 25 नवंबर (आईएएनएस)। हाउ टू ब्लो अप ए पाइपलाइन के निदेशक डेनियल गोल्डहैबर ने शुक्रवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कोई जादू की गोली या तत्काल उपाय नहीं है, लेकिन सही तरह की बातचीत की जरूरत है।
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जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कोई जादू की गोली नहीं है: निर्देशक डेनियल गोल्डहैबर पणजी, 25 नवंबर (आईएएनएस)। हाउ टू ब्लो अप ए पाइपलाइन के निदेशक डेनियल गोल्डहैबर ने शुक्रवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कोई जादू की गोली या तत्काल उपाय नहीं है, लेकिन सही तरह की बातचीत की जरूरत है।

डेनियल गोल्डहैबर ने कहा, केवल सही प्रकार की बातचीत और हस्तक्षेप ही कुंजी हैं। हाउ टू ब्लो अप ए पाइपलाइन के माध्यम से हम इस ज्वलंत मुद्दे पर सही बातचीत को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।

वह गोवा में चल रहे 53वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में टेबल टॉक कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे।

उन्होंने कहा, हम यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि कुछ लोगों को पर्यावरणीय अतिवाद में शामिल होने के लिए क्यों धकेला जा रहा है। यह इस तरह के चरम कृत्यों के परिणामों के बारे में भी स्पष्ट होने की कोशिश करता है।

आईएफएफआई में हाउ टू ब्लो अप ए पाइपलाइन फिल्म का प्रीमियर हुआ।

डैनियल ने इस बात पर जोर दिया कि जलवायु का मुद्दा एक महासागर है, जिसकी हमने वास्तव में खोज नहीं की है। उन्होंने कहा, इससे निपटने के लिए हम पर एक बड़ी जिम्मेदारी है।

हाउ टू ब्लो अप ए पाइपलाइन युवा पर्यावरण कार्यकर्ताओं के एक दल की कहानी को चित्रित करता है, जो अपने संकल्प के साथ एक तेल पाइपलाइन में तोड़फोड़ करने के मिशन को अंजाम देने का साहस रखता है। वे सिस्टम द्वारा किए गए कार्यों के बदले में कार्य में संलग्न होते हैं जिसके कारण जलवायु संकट उत्पन्न होता है।

यह फिल्म एंड्रियास माल्म की 2021 की किताब, हाउ टू ब्लो अप ए पाइपलाइन- लनिर्ंग टू फाइट इन ए वल्र्ड ऑफ फायर का रूपांतरण है।

उन्होंने कहा, मेरे माता-पिता जलवायु वैज्ञानिक हैं। मुझे जलवायु परिवर्तन और इससे जुड़ी सक्रियता को जानने वाले माहौल में लाया गया है।

डेनियल ने कहा कि यह एक अमेरिकी फिल्म है, जो पूरी तरह से एक यूरोपीय पुस्तक से अनुकूलित एक अमेरिकी अवधारणा पर आधारित है, लेकिन फिल्म को एशिया के साथ-साथ अन्य देशों में प्रचारित करना हमेशा अच्छा होता है क्योंकि यह मुद्दा सार्वभौमिक है।

--आईएएनएस

पीके/एएनएम