छिंगहाई-तिब्बत पठार में पारिस्थितिक संरक्षण कानून निर्माण और विकास संबंधी बैठक आयोजित

बीजिंग, 22 सितम्बर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 51वें सम्मेलन की ऑनलाइन बैठक हाल में पेइचिंग में आयोजित हुई, जिसका शीर्षक है छिंगहाई-तिब्बत पठार पर पारिस्थितिक संरक्षण का कानून निर्माण और उच्च गुणवत्ता वाला विकास। 40 से अधिक चीनी-विदेशी विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने मानवाधिकार की ²ष्टि में छिंगहाई-तिब्बत पठार पर जैव विविधता और पठार पर पारिस्थितिक संरक्षण के कानून निर्माण आदि विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
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छिंगहाई-तिब्बत पठार में पारिस्थितिक संरक्षण कानून निर्माण और विकास संबंधी बैठक आयोजित बीजिंग, 22 सितम्बर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 51वें सम्मेलन की ऑनलाइन बैठक हाल में पेइचिंग में आयोजित हुई, जिसका शीर्षक है छिंगहाई-तिब्बत पठार पर पारिस्थितिक संरक्षण का कानून निर्माण और उच्च गुणवत्ता वाला विकास। 40 से अधिक चीनी-विदेशी विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने मानवाधिकार की ²ष्टि में छिंगहाई-तिब्बत पठार पर जैव विविधता और पठार पर पारिस्थितिक संरक्षण के कानून निर्माण आदि विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

चीनी राष्ट्रीय एकता और प्रगति संघ के स्थाई उपाध्यक्ष शी याचो ने कहा कि लोगों का सुखमय जीवन सबसे बड़ा मानवाधिकार है। बेहतर पारिस्थितिक वातावरण सुखमय जीवन का एक भाग और गारंटी है। चीन हमेशा से छिंगहाई-तिब्बत पठार पर पारिस्थितिक संरक्षण पर ध्यान देता है। अधिकाधिक वैज्ञानिक, सामाजिक संगठन और स्थानीय किसान व चरवाहे पठार के निर्माण और संरक्षण में भाग लेते हैं।

अमेरिकी वाशिंगटन विश्वविद्यालय के वनस्पति औषधि में प्रोफेसर डेनिस ग्लोवर ने कहा कि पठार के पारिस्थितिक संरक्षण और तिब्बती औषधि के आधुनिक विकास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी अधिक भूमिका निभाती है। चीन ने दुर्लभ और लुप्तप्राय पौधों का वैज्ञानिक पालन-पोषण किया। इससे पारंपरिक औषधि बनाने में इस तरह के पौधों पर निर्भरता कम हुई। यह पठार पर पारिस्थितिक व्यवस्था की बहाली के लिए लाभदायक है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

--आईएएनएस

एएनएम