छत्तीसगढ़ में पैरा दान बन रहा अभियान

रायपुर, 25 नवंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ देश के उन राज्यों में से एक है जिसे नवाचार वाले राज्य की पहचान मिल रही है। इतना ही नहीं सरकार की पहल को जनता का भी साथ मिल रहा है। इसका उदाहरण है पैरादान का आह्वान। आमजन इस आह्वान में साथ देकर इसे अभियान और उत्सव का रुप देने में लग गए हैं।
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छत्तीसगढ़ में पैरा दान बन रहा अभियान रायपुर, 25 नवंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ देश के उन राज्यों में से एक है जिसे नवाचार वाले राज्य की पहचान मिल रही है। इतना ही नहीं सरकार की पहल को जनता का भी साथ मिल रहा है। इसका उदाहरण है पैरादान का आह्वान। आमजन इस आह्वान में साथ देकर इसे अभियान और उत्सव का रुप देने में लग गए हैं।

देश के अन्य हिस्सों की तरह छत्तीसगढ़ में भी सड़क पर विचरण करने वाले आवारा मवेशी समस्या रहे हैं। यहां इस समस्या पर काबू पाने के लिए गौठान बनाने की पहल हुई। यह गायों के लिए डे केयर सेंटर जैसा है। इतना ही नहीं यह स्थान रोजगार का केंद्र भी बन गए हैं। यहां गाय के गोबर से तरह-तरह के उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं, दो रुपये किलो की दर से गोबर व चार रुपये किलो की दर से गौ मूत्र की भी खरीदी हो रही है।

वर्तमान दौर में पैरा एक बड़ी समस्या है क्योंकि किसान इसे जला देते हैं जिससे प्रदूषण का खतरा बढ़ रहा है। वहीं दूसरी ओर मवेशियों के लिए चारे का इंतजाम भी कठिन हो चला है। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पैरादान का आह्वान किया। उन्होंने पैरादान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि पैरादान से न केवल इसे जलाने वाले प्रदूषण से बचाव होगा, बल्कि बारिश में पशुधन के लिए चारे की भी व्यवस्था हो सकेगी।

राज्य के कई हिस्सों मे इस आह्वान का असर दिख रहा है। रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकासखंड के केराबहार पंचायत के बनेकेला गौठान में किसान 12 ट्रैक्टर में पैरा लेकर गाजे-बाजे के साथ पहुंचे और दान किया। किसानों ने इस मौके पर दूसरे किसानों से भी अपील की है कि खेत में पैरा जलाने के नुकसान को समझते हुए इसे गौठान में दान करें।

इससे पहले राजनांदगांव के सुरगी गांव के लोगों ने एक मिसाल कायम की थी, उन्होंने गौठान में आने वाले मवेशियों के लिए 100 ट्रैक्टर पैरा दान किया था।

मुख्यमंत्री बघेल ने ट्रैक्टरों को रवाना करते हुए कहा था कि 100 ट्रैक्टर पैरादान कर सुरगी के किसानों ने मिसाल प्रस्तुत की है, जो दूसरों के लिए अनुकरणीय है। किसानों द्वारा पैरा दान कर गोधन न्याय योजना में सहभागिता का अच्छा कार्य किया गया है।

बताया गया है कि राज्य के अन्य हिस्सों के किसान भी पैरादान करने आगे आ रहे है, ऐसा होने से जहां मवेशियों के चारे का इंतजाम हो जाएगा, वहीं इसे जलाने से बढ़ने वाले प्रदूषण पर भी रोक लगेगी।

--आईएएनएस

एसएनपी/एसकेपी