छत्तीसगढ़ के गोलियों की आवाज वाले अबूझमाड़ में सुनाई देने लगी ऑपरेशन थियेटर की बीप

रायपुर, 26 मई (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ की पहचान घने जंगलों के साथ धुर नक्सल प्रभावित वाले इलाके के तौर पर ही है, जहां गोलियां की आवाज आम थी मगर अब हालात बदल चले है। एक तरफ जहां बच्चे स्कूलां में पढ़ रहे हैं, तो वहीं ऑपरेषन थियेटर में बीप-बीप की आवाज सुनाई देने लगी है।
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रायपुर, 26 मई (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ की पहचान घने जंगलों के साथ धुर नक्सल प्रभावित वाले इलाके के तौर पर ही है, जहां गोलियां की आवाज आम थी मगर अब हालात बदल चले है। एक तरफ जहां बच्चे स्कूलां में पढ़ रहे हैं, तो वहीं ऑपरेषन थियेटर में बीप-बीप की आवाज सुनाई देने लगी है।

राज्य के नारायणपुर जिले में आता है अबूझमाड़, लगभग पांच हजार वर्ग किलोमीटर इलाके की स्थितियां बदल रही हैं। अबूझमाड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ओरछा में 24 मई बुधवार से ऑपरेशन थियेटर शुरू हो गया है। यहां ऑपरेशन थियेटर की सुविधा शुरू होना इस इलाके के आदिवासियों के लिये किसी सपने से कम नहीं है।

बड़ी बात ये कि ओटी शुरू होने के पहले दिन ही 30 मरीजों के ऑपरेशन किये गये। यहां रहने वाले आदिवासियों को ये सुविधा करीब 35 साल बाद मिली है। ओरछा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 1989 में शुरू हुआ था। तब से यहां वनांचल में रहने वाले आदिवासियों को ऑपरेशन के लिये जगदलपुर, जिला मुख्यालय नारायणपुर या फिर महाराष्ट्र जाना पड़ता था।

ओरछा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑपरेशन थियेटर एक महीने के रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है। जिला खनिज न्यास निधि से उक्त ऑपरेशन थियेटर स्वीकृत किया। जिसे बनाने के लिये दिन-रात काम किया गया।

नारायणपुर के तत्कालीन कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने बताया कि अबूझमाड़ क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों को वहां सब कुछ उपलब्ध है क्योंकि वे प्रकृति के नजदीक बहुत सीमित जरूरतों में रहते हैं। वहां उनके लिये बाजार है, राशन उपलब्ध है लेकिन उनके पास तक स्वास्थ्य सुविधाएं ले जाना बहुत जरूरी था। ऑपरेशन थियेटर बनने से वहां के आदिवासियों का विश्वास शासन-प्रशासन के प्रति और मजबूत होगा।

ऑपरेशन थियेटर के शुरू होते ही पहले दिन रिकॉर्ड 30 ऑपरेशन किये गये। जिनमें महिला नसबंदी के 13, पुरुष नसबंदी के आठ, सिस्ट के तीन, हाइड्रोसिल के दो, एमपीटी के दो, इनसीजन ड्रैनेज का एक और हॉर्निया का एक ऑपरेशन शामिल है। ऑपरेशन के लिये विशेषज्ञ डॉक्टर्स को बुलाया गया। डॉक्टर्स की टीम में नारायणपुर, कोण्डागांव जिला के विशेषज्ञों को बुलाया गया। ऑपरेशन सीएमएचओ डॉ टी आर कुंवर, डॉ एस नागुलन, डॉ टीना, डॉ गायत्री मौर्य, डॉ केशव साहू, डॉ सुखराम दोरपा, डॉ वल्लभ ठक्कर और अन्य चिकित्सीय सहयोगियों ने मिलकर किया।

ओरछा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑपरेशन थियेटर शुरू होने के बाद जल्द ही चिकित्सीय सेवाओं और सुविधाओं का विस्तार होने वाला है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नया भवन बनकर तैयार है, जल्द ही नये भवन में ओपीडी की सुविधा मिलने लगेंगी। पुराने भवन में ऑपरेशन और भर्ती के लिये सुविधाएं भी बढ़ाई जायेंगी। स्वास्थ्य केंद्र में बल्ड बैंक खुलेगा। मरीजों की जांच के लिये सोनोग्राफी की सुविधा भी मिलेगी, जिससे डॉक्टर्स को डायग्नोस करने में आसानी होगी और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पायेंगी।

अबूझमाड़ नारायणपुर जिले का सुदूर वनांचल इलाका है जो बहुत बड़े इलाके करीब पांच हजार वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों और नक्सल आतंक की वजह से बुनियादी सुविधाएं पहुंचाना बहुत मुश्किल काम था। लेकिन बीते चार साल में नक्सल घटनाओं में कमी के कारण यहां के लोगों तक बहुत सी सुविधायें पहुंचाई गयी हैं। अबूझमाड़ के निवासियों के लिये सबसे बड़ी सुविधा मसाहती सर्वे से भी मिली। अभी तक इस इलाके में कोई सर्वे नहीं हो पाया था जिससे हितग्राहियों तक शासकीय योजनायें पहुंचाने में मुश्किलें आतीं थी। लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर मसाहती सर्वे पर बड़ी तेजी से काम किया गया और शासन की योजनाएं अबूझमाड़ के लोगों तक पहुंचने लगी हैं।

--आईएएनएस

एसएनपी/एएनएम