गोवा में 100 कार्यकर्ताओं ने म्हादेई जल मोड़ के खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया

पणजी, 25 जनवरी (आईएएनएस)। गोवा के करीब सौ कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को कोयले की ढुलाई और म्हादेई नदी के पानी को मोड़ने के मुद्दे पर एक बैठक की और लोगों को इसका विरोध करने के लिए लामबंद करने का संकल्प लिया।
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पणजी, 25 जनवरी (आईएएनएस)। गोवा के करीब सौ कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को कोयले की ढुलाई और म्हादेई नदी के पानी को मोड़ने के मुद्दे पर एक बैठक की और लोगों को इसका विरोध करने के लिए लामबंद करने का संकल्प लिया।

प्रसिद्ध पर्यावरणविद् अभिजीत प्रभुदेसाई ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि यह कर्नाटक बनाम गोवा की लड़ाई नहीं है, बल्कि कोयला निगम और आम लोगों के बीच है।

प्रभुदेसाई ने कहा, म्हादेई के पानी को कर्नाटक में इस्पात और बिजली संयंत्रों के लिए डायवर्ट किया जा रहा है, जो कोयला निगम द्वारा प्रस्तावित हैं। हमारे पास इस बात के सभी सबूत हैं कि वे पानी को केवल संयंत्रों के लिए मोड़ना चाहते हैं, न कि किसानों या पीने के उद्देश्य से। दोनों संयंत्र पानी के बड़े उपभोक्ता हैं।

सूत्रों ने बताया कि सभी सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया और इस आंदोलन को तेज करने के लिए विभिन्न योजनाओं का सुझाव दिया।

उन्होंने कहा, हमने 26 जनवरी को सभी पंचायतों को कोयला परिवहन और पानी के डायवर्जन का विरोध करने का आह्वान करने का फैसला किया है।

प्रभुदेसाई ने कहा कि 26 जनवरी को दक्षिण गोवा में म्हादेई जल मार्ग परिवर्तन मुद्दे पर एक बैठक होगी, जहां कई और लोग इस मुद्दे में शामिल होंगे।

उन्होंने कहा, इस समय हमने यह लड़ाई लड़ने के लिए कोई नाम तय नहीं किया है। लेकिन हम सभी एक साथ हैं और गोवा और इसके पर्यावरण की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं।

प्रभुदेसाई ने कहा कि वे कोयला निगम की मंशा और पानी को डायवर्ट क्यों किया जा रहा है, इस बारे में जागरूकता फैलाएंगे।

दक्षिण गोवा के गांवों के बहुत से लोग, जहां से डबल-ट्रैकिंग प्रस्तावित है, कोयले की ढुलाई के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। म्हादेई जल मार्ग परिवर्तन के मुद्दे ने भी लोगों को विरोध में सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है।

गोवा और कर्नाटक इस समय एक केंद्रीय न्यायाधिकरण में म्हादेई नदी पर कलासा-भंडूरी बांध परियोजना के विवाद से जूझ रहे हैं।

म्हादेई कर्नाटक से निकलती है और पणजी में अरब सागर में मिलती है।

यह नदी कर्नाटक में 28.8 किमी की दूरी तय करती है। गोवा में इसकी लंबाई 81.2 किमी है। कर्नाटक नदी पर बांध बनाने की योजना बना रहा है। उसका उद्देश्य इस नदी के पानी को उत्तरी कर्नाटक के मलप्रभा बेसिन की तरफ मोड़ना है।

--आईएएनएस

एसजीके/एएनएम