गठबंधन से स्वार्थ, सत्ता की कुटील राजनीति से प्रधानमंत्री नहीं बना जा सकता: अमित शाह (लीड-1)

पूर्णिया, 23 सितम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के नेता अमित शाह ने शुक्रवार को बिहार के पूर्णिया में आयोजित एक जनसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद पर जमकर सियासी हमला बोला। उन्होंने नीतीश कुमार को एनडीए से बाहर होने पर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि गठबंधनों से स्वार्थ, सत्ता की कुटील राजनीति से प्रधानमंत्री नहीं बना जा सकता। विकास का काम करने, अपनी विचारधारा पर समर्पित रहने और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ही प्रधानमंत्री बना जा सकता है।
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गठबंधन से स्वार्थ, सत्ता की कुटील राजनीति से प्रधानमंत्री नहीं बना जा सकता: अमित शाह (लीड-1) पूर्णिया, 23 सितम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के नेता अमित शाह ने शुक्रवार को बिहार के पूर्णिया में आयोजित एक जनसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद पर जमकर सियासी हमला बोला। उन्होंने नीतीश कुमार को एनडीए से बाहर होने पर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि गठबंधनों से स्वार्थ, सत्ता की कुटील राजनीति से प्रधानमंत्री नहीं बना जा सकता। विकास का काम करने, अपनी विचारधारा पर समर्पित रहने और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ही प्रधानमंत्री बना जा सकता है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्णिया के रंगभूमि में एम जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में 1.25 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का वादा किया था, लेकिन 1.35 लाख करोड़ का हिसाब लेकर आया हूं।

उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि उन्होंने क्या किया। उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि मैं 1.35 लाख करोड़ रुपये का हिसाब लेकर आया हूं। महामार्ग के लिए 14 हजार करोड़ बढ़ गया। ग्रामीण सड़क के लिए 9 हजार करोड़ कहा था, 22 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए। रेलवे के लिए 2.7 हजार करोड़ कहा था 56 हजार करोड़ खर्च किया। एयरपोर्ट के लिए 600 करोड़ कहा था, 1280 करोड़ खर्च हुआ। पर्यटन के लिए 1550 करोड़ रुपये कहा था 1600 करोड़ खर्च किए गए। पेट्रोलियम और गैस के लिए 21 हजार करोड़ कहा था, 32 हजार करोड़ का खर्चा हुआ। बिजली के लिए 16 हजार करोड़ कहा था, उसमें से 14 हजार करोड़ खर्च हो चुका। किसान कल्याण के लिए 3000 करोड़ कहा था, 7800 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल के लिए भी 3000 करोड़ कहा था, उसके मुकाबले 4100 करोड़ रुपये खर्च किए।

शाह ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश बताएं कि उन्होंने लालू के साथ मिलकर कुर्सी बचाने के अलावा क्या काम किया है।

उन्होंने कहा कि नीतीश ने जो भाजपा को धोखा देकर लालू की गोद में बैठ गए हैं, स्वार्थ और सत्ता का जो परिचय दिया है, उसके खिलाफ भी लड़ाई भी यहीं से शुरू होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता की राजनीति की नहीं सेवा और विकास की राजनीति की पक्षधर है।

उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद नेता लालू प्रसाद को घेरते हुए कहा कि भाजपा को धोखा देकर स्वार्थ के लिए लालू की गोद में नीतीश बैठ गए। उन्होंने कहा कि मेरे दौरे से लालू यादव और नीतीश कुमार के पेट में दर्द हो रहा है। वे कह रहे हैं कि मैं यहां झगड़ा लगाने आया हूं। मैं यहां किसी से झगड़ा कराने नहीं आया हूं। लालू प्रसाद आप तो खुद काफी हैं झगड़ा लगाने के लिए, आपने जीवन भर यही काम किए हैं।

उन्होंने नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के मामले में घेरते हुए कहा कि नीतीश कुमार जो कांग्रेस विरोध की राजनीति में पैदा हुए वे आज भाजपा की पीठ में छुरा घोपकर राजद और कांग्रेस की गोद में बैठ गए है। क्या इस तरह सत्ता के स्वार्थ में दल-बदल कर नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बन सकते हैं। आपकी राजनीति की शुरूआत से ही आपने यही किया है।

बिहार मुख्यमंत्री को सत्ता और स्वार्थ की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए अमित शाह ने कहा कि नीतीश कुमार ने सबके साथ धोखा किया। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित समाजवादी को जॉर्ज फर्नांडीस के साथ धोखा दिया। जॉर्ज का स्वास्थ्य खराब होते ही उन्हें हटाकर समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए, उसके बाद लालू प्रसाद के साथ कपट किया। शरद यादव, जीतन राम मांझी और रामविलास पासवान को धोखा दिया।

अमित शाह ने लालू यादव को सजग करते हुए कहा कि आप ध्यान रखिएगा, नीतीश कुमार कल आपको छोड़कर कांग्रेस की गोदी में बैठ जाएंगे।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कोई राजनीतिक विचारधारा के पक्षधर नहीं है। वे समाजवाद छोडकर लालू प्रसाद के साथ जा सकते हैं, जातिवादी राजनीति कर सकते हैं, समाजवाद छोडकर वामपंथियों के साथ भी बैठ सकते हैं, कांग्रेस में जा सकते हैं, वे राजद छोड़कर भाजपा के साथ भी आ सकते हैं। उनकी एक ही नीति है कुर्सी मेरी अक्षुण रहनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद को साथ लेकर जंगलराज के प्रति अपना रवैया स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या आपको जंगल राज चाहिए। उन्होंने कहा कि जब लालू प्रसाद सरकार में हैं, तो कौन उससे बचा सकता है।

गृह मंत्री ने कहा कि जिस दिन नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार ने शपथ ली, तब से ही कानून व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई।

उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में जंगलराज का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार और झारखंड वामपंथी उग्रवाद का अड्डा हुआ करता था, लेकिन तीन साल में ही दोनों राज्यों को वामपंथ उग्रवाद से मुक्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार गरीबों की सरकार है।

--आईएएनएस

एमएनपी/एएनएम