कलकत्ता हाईकोर्ट ने कोलकाता में हुक्का बार पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को रद्द किया

कोलकाता, 24 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को कोलकाता नगर निगम (केएमसी) और बिधाननगर नगर निगम (बीएमसी) द्वारा कोलकाता और बिधाननगर में हुक्का बार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के आदेश को रद्द कर दिया।
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कोलकाता, 24 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को कोलकाता नगर निगम (केएमसी) और बिधाननगर नगर निगम (बीएमसी) द्वारा कोलकाता और बिधाननगर में हुक्का बार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के आदेश को रद्द कर दिया।

प्रतिबंध के आदेश को रद्द करते हुए, न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल-न्यायाधीश पीठ ने कहा कि चूंकि इस मामले में कोई राज्य विशेष नियम नहीं है, इसलिए इन दोनों शहरों में हुक्का बार चलाना अवैध नहीं होगा।

न्यायमूर्ति मंथा ने अवलोकन किया, यहां तक कि केंद्रीय अधिनियम में भी इस संबंध में प्रावधान हैं। उसके बाद भी नगर निगम हुक्का बार पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं, उसके लिए उन्हें नियम लाने होंगे। तब तक मौजूदा हुक्का बारों के खिलाफ कोई पुलिस कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।

2 दिसंबर को, कोलकाता नगर निगम के मेयर और राज्य के शहरी विकास और नगर मामलों के मंत्री, फिरहाद हकीम ने कोलकाता में हुक्का बार चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि उनके निर्णय को केएमसी अधिकारियों द्वारा प्राप्त जानकारी से प्रेरित किया गया है कि कुछ रसायन, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, हुक्का बार के कुछ मालिकों द्वारा उपयोग किए जा रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि हुक्का बार की आड़ में प्रतिबंधित नशीले पदार्थो का कारोबार चलाने की काफी संभावना है।

मंगलवार को न्यायमूर्ति मंथा की पीठ ने प्रतिबंध के आदेशों की तर्कसंगतता पर सवाल उठाया। जस्टिस मंथा ने कहा, कानूनी प्रावधानों का पालन करते हुए आदेश पारित नहीं किए गए। इस तरह के प्रतिबंध का आधार क्या था? इन हुक्का बारों से भारी कमाई होती है। यदि कुछ हुक्का बार मालिक नशीले पदार्थो का उपयोग करते हैं तो इसकी जांच करना पुलिस पर निर्भर है। अगर हुक्का बार में हर्बल उत्पादों का इस्तेमाल किया जाए तो कोई नुकसान नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि इन हुक्का बार को चलाने के लिए विशेष लाइसेंस की जरूरत होती है। मांथा ने कहा, अगर सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान किया जाता है तो इसे रोका जा सकता है। अगर कोई व्यक्ति हुक्का बार में जाने से परेशान है तो राजस्व पैदा करने वाले इस क्षेत्र पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को रोका नहीं जा सकता है। अगर वहां कानून हो तो इन सलाखों को बंद किया जा सकता है। नहीं तो इन्हें बंद करने के लिए नया कानून बनाना होगा।

--आईएएनएस

एसकेके/एएनएम