एससी कॉलेजियम द्वारा दोहराए गए नामों पर केंद्र के खिलाफ अनिश्चित काल सुनवाई के लिए सहमत

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय बुधवार को एक एनजीओ की याचिका पर विचार करने पर सहमत हो गया, जिसमें उच्च न्यायपालिका में उन उम्मीदवारों की नियुक्ति को अधिसूचित करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी, जिनके नाम शीर्ष अदालत के कॉलेजियम द्वारा दोहराए गए हैं।
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एससी कॉलेजियम द्वारा दोहराए गए नामों पर केंद्र के खिलाफ अनिश्चित काल सुनवाई के लिए सहमत नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय बुधवार को एक एनजीओ की याचिका पर विचार करने पर सहमत हो गया, जिसमें उच्च न्यायपालिका में उन उम्मीदवारों की नियुक्ति को अधिसूचित करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी, जिनके नाम शीर्ष अदालत के कॉलेजियम द्वारा दोहराए गए हैं।

एनजीओ सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि याचिका 2018 में दायर की गई थी, लेकिन अभी तक इसे सूचीबद्ध नहीं किया गया है। याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए शीर्ष अदालत के कॉलेजियम द्वारा सुझाए गए नामों को केंद्र सरकार ने अनिश्चितकाल से रोका हुआ है।

बेंच, जिसमें जस्टिस हेमा कोहली और जे.बी. पारदीवाला भी शामिल हैं, ने भूषण से कहा कि याचिका को सूचीबद्ध किया जाएगा और उसी के लिए प्रशासनिक पक्ष पर एक आदेश पारित किया जाएगा। पीठ ने कहा, इस पर विचार किया जाएगा। याचिका में तर्क दिया गया है कि कार्यपालिका द्वारा अप्रत्यक्ष और निहित स्वार्थों के लिए न्यायिक नियुक्तियों की पत्थरबाजी कानून की उचित प्रक्रिया में हस्तक्षेप के बराबर है। इसने आगे कहा कि यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता और अखंडता में भी हस्तक्षेप है।

दलील में तर्क दिया गया कि शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया को कॉलेजियम की सिफारिशों पर बैठे रहने और कॉलेजियम द्वारा नामों को दोहराए जाने पर जवाब नहीं देने से सरकार द्वारा विफल नहीं किया जा सकता है।

--आईएएनएस

केसी/एएनएम