इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी की हत्या करने वाले व्यक्ति को जमानत देने से किया इंकार

लखनऊ, 24 नवंबर (आईएएनएस)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बलरामपुर निवासी 29 वर्षीय एक व्यक्ति की जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिस पर जुलाई 2020 में अपनी पत्नी की हत्या करने और उसके शरीर के अंगों को सूटकेस में भरकर ठिकाने लगाने का आरोप है।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी की हत्या करने वाले व्यक्ति को जमानत देने से किया इंकार लखनऊ, 24 नवंबर (आईएएनएस)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बलरामपुर निवासी 29 वर्षीय एक व्यक्ति की जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिस पर जुलाई 2020 में अपनी पत्नी की हत्या करने और उसके शरीर के अंगों को सूटकेस में भरकर ठिकाने लगाने का आरोप है।

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने अपने आदेश में कहा कि अपराध की जघन्य प्रकृति और रिकॉर्ड में उपलब्ध सबूतों को देखते हुए आरोपी समीर खान को जमानत देने का कोई अच्छा कारण नहीं है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, समीर मुंबई में एक मीट की दुकान पर काम करता था, जहां उसकी मुलाकात आयशा नाम की एक लड़की से हुई। दोनों एक-दूसरे के प्यार में पड़ गए और 2017 में शादी कर ली।

चूंकि कोविड-प्रेरित लॉकडाउन ने 2020 में वह दुकान बंद कर दी थी जिसमें वह काम कर रहा था, समीर आयशा के बिना अपने गांव बलरामपुर आ गया क्योंकि उसने मुंबई में अपनी शादी के बारे में अपने परिवार को सूचित नहीं किया था।

पांच जुलाई 2020 को आरोपी का अपनी पत्नी से झगड़ा हुआ था, जिसके बाद उसने उसे रॉड से मारा जो जानलेवा साबित हुआ। फिर उसने उसके शरीर के छह टुकड़े कर दिए और उन्हें एक सूटकेस में रख दिया। समीर सूटकेस को लखनऊ-अयोध्या मार्ग स्थित सफेदाबाद बाराबंकी ले गया और वहां फेंक दिया।

पुलिस ने 7 जुलाई, 2020 को शरीर के हिस्से वाला सूटकेस बरामद किया।

इस घटना के करीब 40 दिन बाद पुलिस शव की शिनाख्त कर पाई और समीर को पूछताछ के लिए पकड़ लिया।

लगातार पूछताछ के बाद, उसने अपना अपराध कबूल कर लिया और अपराध में प्रयुक्त चाकू और कार को बरामद करने में पुलिस की मदद की।

--आईएएनएस

एचएमए