आयकर रिपोर्ट आने के बाद आरबीआई रद्द कर सकता है एआरसीएस का लाइसेंस

नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक कुछ एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों (एआरसी) के लाइसेंस रद्द कर सकता है, जिन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
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नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक कुछ एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों (एआरसी) के लाइसेंस रद्द कर सकता है, जिन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरबीआई ने इससे पहले कुछ एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों (एआरसी) को कारण बताओ नोटिस भेजा था, जिसमें जवाब मांगा गया था कि क्यों उनके लाइसेंस रद्द नहीं किए जाएं।

आरबीआई चार एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों (एआरसी) नामत: ओमकारा एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, रेयर एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, सीएफएम एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और इन्वेंट एआरसी प्राइवेट लिमिटेड के लाइसेंस रद्द करने पर विचार कर रहा है।

रिपोटरें के अनुसार, यह कदम 2021 में आयकर (आई-टी) विभाग द्वारा इन एआरसी के परिसरों पर छापा मारने के बाद बैंकिंग नियामक द्वारा किए गए एक विशेष ऑडिट का अनुसरण करता है।

आईटी विभाग, जिसने दिसंबर 2021 में चार एआरसी पर खोज और जब्ती की कार्रवाई की, ने उधारकर्ता समूह और एआरसी प्राप्त करने में उपयोग की जाने वाली शेल या डमी कंपनियों के बीच सांठगांठ पाई।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक विज्ञप्ति में कहा, जांच से पता चला है कि स्ट्रेस्ड एसेट्स या एनपीए प्राप्त करने के लिए एआरसी द्वारा ऋणदाता बैंकों को किए गए न्यूनतम नकद भुगतान आमतौर पर उधारकर्ता समूह के धन का उपयोग करते रहे हैं। इस तरह के धन को उधारकर्ता समूह द्वारा नियंत्रित डमी कंपनियों की कई परतों या हवाला चैनलों के माध्यम से भेजा गया है।

--आईएएनएस

पीके/एएनएम