आप ने बीजेपी सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ राज्य चुनाव आयोग में शिकायत कराई दर्ज

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जान से मारने की धमकी देने के मामले में भाजपा सांसद मनोज तिवारी और अन्य नेताओं के खिलाफ राज्य चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।
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आप ने बीजेपी सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ राज्य चुनाव आयोग में शिकायत  कराई दर्ज नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जान से मारने की धमकी देने के मामले में भाजपा सांसद मनोज तिवारी और अन्य नेताओं के खिलाफ राज्य चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।

पार्टी ने राज्य चुनाव आयोग को शिकायती पत्र में कहा, भाजपा ने मीडिया में नकारात्मक बयानों और निराधार साजिशों के माध्यम से अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को बदनाम करने और उनका मनोबल गिराने के कई असफल प्रयास किए हैं। एमसीडी और गुजरात विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ यह स्पष्ट है कि मनोज तिवारी और बीजेपी जागरूक हैं और अरविंद केजरीवाल को मारने की साजिश रच रहे होंगे।

शिकायत में आगे लिखा, हम राज्य चुनाव आयोग से मनोज तिवारी और अन्य को गिरफ्तार करने और मामले की जांच करने और राज्य चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार सबसे मजबूत संभव कार्रवाई करने की अपील करना चाहते हैं।

इस बीच, दिन में पहले मीडिया को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दावा किया, बीजेपी सीएम अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने में नाकाम रहने के बाद उनकी हत्या की साजिश रच रही है। गुजरात और एमसीडी चुनावों में अपनी निश्चित हार को लेकर बीजेपी का डर और हताशा अब उनके नेताओं के चेहरों पर साफ नजर आ रही है। हम पुलिस और चुनाव आयोग से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं।

सिसोदिया ने कहा कि जब बीजेपी केजरीवाल को बदनाम करने की अपनी सभी साजिशों में विफल रही, तो अब मनोज तिवारी ने उन्हें धमकी दी है। मनोज तिवारी द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा से साबित होता है कि बीजेपी उन्हें मारने की साजिश कर रही है। मनोज तिवारी के बयानों ने अरविंद केजरीवाल को मारने के लिए बीजेपी द्वारा रची जा रही साजिश का पदार्फाश कर दिया है।

सिसोदिया ने दावा किया कि तिवारी ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल पर कभी भी हमला हो सकता है, लेकिन सवाल यह है कि उन्हें इस तरह के हमले के बारे में कैसे पता चला। इसकी उच्च और सक्षम अधिकारियों द्वारा गंभीरता से जांच की जानी चाहिए।

--आईएएनएस

पीके/एएनएम