आज भी संसद चलने के आसार कम, भाजपा व कांग्रेस अपने-अपने रुख पर अड़ी (लीड-1)

नई दिल्ली, 17 मार्च (आईएएनएस)। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के लगातार पांचवे दिन शुक्रवार को भी संसद चलने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपने-अपने रुख पर अड़े हुए नजर आ रहे हैं।
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नई दिल्ली, 17 मार्च (आईएएनएस)। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के लगातार पांचवे दिन शुक्रवार को भी संसद चलने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपने-अपने रुख पर अड़े हुए नजर आ रहे हैं।

राहुल गांधी गुरुवार को ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर यह आग्रह कर चुके हैं कि सरकार के चार मंत्रियों ने उन पर आरोप लगाए हैं, इसलिए वो सदन में जवाब देना चाहते हैं, हालांकि इसके बाद प्रेस कांफ्रेंस कर वह यह भी आशंका जता चुके हैं कि उन्हें नहीं लगता कि उन्हें सदन में बोलने का मौका दिया जाएगा।

दूसरी तरफ भाजपा ने एक बार फिर से यह साफ कर दिया है कि राहुल गांधी की माफी से कम उन्हें मंजूर नहीं है। शुक्रवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने स्वयं राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा संभालते हुए आरोप लगाया कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस भी अब देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गई है। जनता द्वारा बार-बार नकार दिए जाने के बाद अब राहुल गांधी इस देश विरोधी टूलकिट का परमानेंट हिस्सा बन गए हैं। नड्डा ने कहा कि एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है, जी-20 की बैठक भारत मे हो रही है, वहीं राहुल गांधी विदेशी धरती पर देश, देश की जनता, सदन और पूर्ण बहुमत से चुनी हुई सरकार का अपमान करते हैं।

नड्डा ने राजनीतिक हमला जारी रखते हुए पूछा कि, यह देशद्रोहियों के हाथों को मजबूत करना नहीं है तो और क्या है ? राहुल गांधी, आपने विदेश की धरती पर कहा कि भारत में लोकतंत्र खत्म हो गया है और यूरोप और अमेरिका को इसमें दखल देना चाहिए , इससे शर्मनाक बात क्या हो सकती है ? उन्होंने इसे भारत की संप्रभुता पर हमला बताते हुए राहुल गांधी से पूछा कि यूरोप और अमेरिका को भारत के मामलों में दखल देने के लिए उकसाने के पीछे उनकी क्या मंशा है ?

नड्डा ने यह कहकर भाजपा के स्टैंड को एक बार फिर से स्पष्ट कर दिया कि राहुल गांधी को अपने बयान के लिए देश की जनता से माफी मांगनी ही होगी।

वहीं कांग्रेस अब अदानी मसले पर जेपीसी गठन की मांग के साथ यह भी चाहती है कि लोक सभा में राहुल गांधी को अपनी बात रखने का मौका दिया जाए। हालांकि राहुल गांधी को बोलने का मौका मिले या न मिले, दोनों ही सूरतों में सदन में हंगामा होना तय है, क्योंकि भाजपा चाहती है कि राहुल गांधी माफी मांगे, लेकिन राहुल किसी भी हालत में माफी को तैयार नहीं हैं।

--आईएएनएस

एसटीपी/सीबीटी