असम-मेघालय सीमा हिंसा: गृह मंत्रालय की स्तिथि पर नजर

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। असम-मेघालय सीमा पर पुलिस द्वारा मंगलवार तड़के अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को रोकने के बाद हुई हिंसा में एक वन रक्षक सहित छह लोगों की मौत हो गई। सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय पूरे मामले पर पैनी नजर बनाए हुए है। फिलहाल दोनों राज्यों की सीमा पर स्तिथि नियंत्रण में बताई जा रही है।
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असम-मेघालय सीमा हिंसा: गृह मंत्रालय की स्तिथि पर नजर नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। असम-मेघालय सीमा पर पुलिस द्वारा मंगलवार तड़के अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को रोकने के बाद हुई हिंसा में एक वन रक्षक सहित छह लोगों की मौत हो गई। सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय पूरे मामले पर पैनी नजर बनाए हुए है। फिलहाल दोनों राज्यों की सीमा पर स्तिथि नियंत्रण में बताई जा रही है।

असम-मेघालय सीमा पर हुई झड़प और फिर गोलीबारी की घटना ने एक बार फिर दोनों राज्यों के बीच चले आ रहे सीमा विवाद को ताजा कर दिया है। सूत्रों की माने तो केंद्रीय गृह मंत्रालय इस पूरे मामले पर निगरानी कर रहा है। मंत्रालय के अधिकारी दोनों राज्यों के साथ संपर्क में हैं। वहीं हालात बिगड़ने की दिशा में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी अलर्ट पर रखा गया है।

वहीं दूसरी तरफ सूत्रों ने बताया कि इस झड़प का सीमा विवाद से सीधा कोई संबंध नहीं है। हालांकि स्तिथि बिगड़ने ना पाए इसके लिए लगातार कोशिश की जा रही है। वहीं मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा ने भी भारत सरकार से अपील की है कि इस मामले की जांच किसी केंद्रीय जांच एजेंसी जैसे एनआईए या सीबीआई से करवानी चाहिए। वहीं इसको लेकर 24 नवंबर को मेघालय के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात कर सकता है।

दरअसल असम और मेघालय का सीमा विवाद 50 साल से ज्यादा पुराना है। दोनों राज्य एक दूसरे से लगभग 885 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। 1970 से पहले मेघालय, असम का ही एक हिस्सा हुआ करता था। विभाजन के समय से लेकर अब तक सीमा विवाद बना हुआ है। 12 इलाके ऐसे हैं, जिनको लेकर दोनों राज्यों की सरकारों के बीच लंबे समय से चर्चा, समझौतों और प्रस्तावों का दौर चल रहा है। कुछ जगहों पर सहमति भी बनी है। इन सब प्रयासों के बावजूद कई बार हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं।

--आईएएनएस

एसपीटी/एएनएम