देहरादून- फिर उठे पलायन को लेकर सवाल, अब बेंगलुरू के बाद इस राज्य में हुई उत्तराखंड के युवक की हत्या

देहरादून-न्यूज टुडे नेटवर्क- बीते दिवस बेंगलरू में गढ़वाल के जगजीत की हत्या का उबाल अभी शांत नहीं हुआ था कि आज एक और उत्तराखंडी को हरियाणा में बदमाशों ने मौत के घाट उतार दिया। यह युवक भी जगजीत की तरह एक होटल में काम करता था। और डियूटी से वापस लौट रहा था। देर रात
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देहरादून- फिर उठे पलायन को लेकर सवाल, अब बेंगलुरू के बाद इस राज्य में हुई उत्तराखंड के युवक की हत्या

देहरादून-न्यूज टुडे नेटवर्क- बीते दिवस बेंगलरू में गढ़वाल के जगजीत की हत्या का उबाल अभी शांत नहीं हुआ था कि आज एक और उत्तराखंडी को हरियाणा में बदमाशों ने मौत के घाट उतार दिया। यह युवक भी जगजीत की तरह एक होटल में काम करता था। और डियूटी से वापस लौट रहा था। देर रात बदमाशों ने उसकी हत्या कर दी। जिससे बाद उत्तराखंड से पलायन कर बाहर राज्यों में गये युवकों पर जान का खतरा मंडराने लगा है। इससे पहले भी जगजीत की हत्या कर दी गई थी। वह भी रोजगार की तलाश में बेंगलुरू गया था और वहा एक होटल में काम कर रहा था। जिसके बाद सरकार पर सवाल खड़े हो गये। एक तो युवाओं को रोजगार मुहैया नहीं करा पा रही है। ऊपर से अगर युवा रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य का रूख कर रहे है तो उनके साथ इस तरह की घटनाएं सामने आ रही है। जिससे कई सवाल खड़े हो गये है।

देहरादून- फिर उठे पलायन को लेकर सवाल, अब बेंगलुरू के बाद इस राज्य में हुई उत्तराखंड के युवक की हत्या

डियूटी से लौट रहा था युवक

बताया जा रहा है कि भिलंगना ब्लॉक के म्यार गांव निवासी 28 वर्ष का डब्बल सिंह हरियााण के एक होटल में नौकरी करता था। देर रात डियूटी खत्म कर वह अपने कमरे की ओर आ रहा था। इस बीच बाइक सवार नकाबपोश बदमाशों ने उस पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया। और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन दम तक डब्बल सिह दम तोड़ चुका था। मृतक युवक के परिजनों व घनसाली के पूर्व विधायक भीम लाल आर्य ने नारायणगंज पुलिस थाने में मामले की रिर्पोट दर्ज कराई। सोमवार को परिजनों ने शव का हरिद्वार में अंतिम संस्कार किया। पूर्व विधायक ने इस घटना पर दुख जताया है। इससे पहले बेंगलुरू में गढ़वाल के ही एक युवक जगजीत की हत्या कर दी गई। जिससे बाद सरकार पर सवाल उठने लगे है। रोजगार की तलाश में युवा लगातार उत्तराखंड से दूसरे राज्यों की ओर रूख कर रहे है। ऐसे में उत्तराखंडी युवा वहा भी सुरक्षित नहीं है। जिससे सरकार पर क ईसवाल खड़े हो गये है। क्यों रोजगार के लिए लगतार पहाड़ का युवा पलायन कर रहा है। ऐसें में वहां रोजगार के बदले मौत मिले तो उनके परिवार की क्या दशा होगी।