देहरादून-सीआइडी की एसआइटी जांच में अब फर्जी निकाले ये दो शिक्षक, शिक्षा विभाग में मचा हडक़ंप

देहरादून-न्यूज टुडे नेटवर्क- लंबे समय से फर्जी शिक्षकों के खिलाफ चल रही कार्रवाई में अभी तक एसआइटी 62 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट शिक्षा महानिदेशक को भेज चुकी है। आज फिर एसआइटी ने दो शिक्षकों के खिलाफ फर्जी डिग्री और प्रमाणपत्र धारी के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है। बताया जा रहा है कि
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देहरादून-सीआइडी की एसआइटी जांच में अब फर्जी निकाले ये दो शिक्षक, शिक्षा विभाग में मचा हडक़ंप

देहरादून-न्यूज टुडे नेटवर्क- लंबे समय से फर्जी शिक्षकों के खिलाफ चल रही कार्रवाई में अभी तक एसआइटी 62 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट शिक्षा महानिदेशक को भेज चुकी है। आज फिर एसआइटी ने दो शिक्षकों के खिलाफ फर्जी डिग्री और प्रमाणपत्र धारी के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है। बताया जा रहा है कि दोनों शिक्षक हरिद्वार जिले में तैनात हैं। जिसके बाद शिक्षा विभाग में हडक़ंप मच गया। गौरतलब है कि प्रदेश में फर्जी डिग्री से नौकरी हासिल करने वाले शिक्षकों के खिलाफ सीआइडी की एसआइटी जांच कर रही है। जांच में 2012 से लेकर 2016 तक नियुक्त किये गये शिक्षकों के अलावा शिकायती पत्रों को शामिल किया गया है।

देहरादून-सीआइडी की एसआइटी जांच में अब फर्जी निकाले ये दो शिक्षक, शिक्षा विभाग में मचा हडक़ंप

हरिद्वार जिले में तैनात है दोनों फर्जी शिक्षक

आज एसआइटी प्रभारी अपर पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने जानकारी देते हुए कहा कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय डांडा ज्वालापुर में 2009 में तैनात शिक्षक चंद्रपाल सिंह निवासी रामनगर कॉलोनी ने हरिद्वार तहसील से स्थायी निवास प्रमाण पत्र हासिल किया है। जिसके आधार पर उन्हें नौकरी मिली है। लेकिन जांच में पता चला किया स्थायी प्रमाण पत्र किसी धर्मेद्र निवासी खानपुर के नाम जारी हुआ है। तहसील ने भी फर्जी प्रमाण पत्र की पुष्टि की है। वही हरिद्वार जिले के भगवानपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय श्रीचंदी में तैनात नीलम कुमारी ने वर्ष 1999 में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीएड की डिग्री दिखाई। जिसके बाद जांच की गई तो नीलम के अनुक्रमांक पर शशिमौलि त्रिपाठी का नाम अंकित पाया गया। विवि ने नीलम की डिग्री को पूरी तरह से फर्जी करार दिया। दोनों के खिलाफ फर्जीवाड़े के प्रमाण मिलने के बाद एसआइटी ने दोनों शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति शिक्षा महानिदेशक को भेज दी गई है।